मणिपुर का इतिहास: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
('ईस्वी युग के प्रारंभ होने के पहले से ही मणिपुर का ल...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replacement - "पश्चात " to "पश्चात् ") |
||
(4 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
ईस्वी युग के प्रारंभ होने के पहले से ही [[मणिपुर]] का लंबा और शानदार इतिहास है। यहाँ के राजवंशों का लिखित इतिहास | [[चित्र:View-Of-Manipur.jpg|thumb|250px|मणिपुर का एक दृश्य, इम्फाल<br />A View Of Manipur, Imphal]] | ||
ईस्वी युग के प्रारंभ होने के पहले से ही [[मणिपुर]] का लंबा और शानदार इतिहास है। यहाँ के राजवंशों का लिखित इतिहास सन् 33 ई. में पखंगबा के राज्यभिषेक के साथ मिलता है। उसके बाद अनेक राजाओं ने मणिपुर पर शासन किया। मणिपुर की स्वतंत्रता और संप्रभुता 19वीं [[सदी]] के आरंभ तक बनी रही। उसके बाद सात वर्ष (1819 से 1825 तक) बर्मी शासकों ने यहाँ पर कब्जा करके शासन किया। 1891 में मणिपुर ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया और 1947 में देश के साथ स्वतंत्र हुआ। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू होने पर यह एक मुख्य आयुक्त के अधीन भारतीय संघ के भाग ‘सी’ के राज्य के रूप में सम्मिलित हुआ। कालांतर में एक प्रादेशिक परिषद का गठन किया गया जिसमें 30 सदस्य चयन के द्वारा और दो सदस्य मनोनीत थे। | |||
इसके | इसके पश्चात् [[1962]] में केंद्रशासित प्रदेश अधिनियम के अधीन 30 सदस्य चयन द्वारा और तीन मनोनीत सदस्यों की विधानसभा स्थापित की गई। 19 दिसंबर, 1969 से प्रशासक का पद मुख्य आयुक्त स्थान पर उपराज्यपाल कर दिया गया। [[21 जनवरी]], [[1972]] को मणिपुर को पूर्ण राज्य की श्रेणी मिली और 60 निर्वाचित सदस्यों की विधानसभा का गठन किया गया। इस विधानसभा में अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के लिए 19 सीट आरक्षित हैं। मणिपुर से [[लोकसभा]] के दो और राज्य सभा का एक प्रतिनिधि है। | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
Line 13: | Line 14: | ||
<references/> | <references/> | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{भारत के राज्यों का इतिहास}} | |||
[[Category:मणिपुर]] | [[Category:मणिपुर]] | ||
[[Category:मणिपुर का इतिहास]] | [[Category:मणिपुर का इतिहास]] | ||
[[Category:इतिहास कोश]] | |||
__INDEX__ | __INDEX__ |
Latest revision as of 07:42, 23 June 2017
thumb|250px|मणिपुर का एक दृश्य, इम्फाल
A View Of Manipur, Imphal
ईस्वी युग के प्रारंभ होने के पहले से ही मणिपुर का लंबा और शानदार इतिहास है। यहाँ के राजवंशों का लिखित इतिहास सन् 33 ई. में पखंगबा के राज्यभिषेक के साथ मिलता है। उसके बाद अनेक राजाओं ने मणिपुर पर शासन किया। मणिपुर की स्वतंत्रता और संप्रभुता 19वीं सदी के आरंभ तक बनी रही। उसके बाद सात वर्ष (1819 से 1825 तक) बर्मी शासकों ने यहाँ पर कब्जा करके शासन किया। 1891 में मणिपुर ब्रिटिश शासन के अधीन आ गया और 1947 में देश के साथ स्वतंत्र हुआ। 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू होने पर यह एक मुख्य आयुक्त के अधीन भारतीय संघ के भाग ‘सी’ के राज्य के रूप में सम्मिलित हुआ। कालांतर में एक प्रादेशिक परिषद का गठन किया गया जिसमें 30 सदस्य चयन के द्वारा और दो सदस्य मनोनीत थे।
इसके पश्चात् 1962 में केंद्रशासित प्रदेश अधिनियम के अधीन 30 सदस्य चयन द्वारा और तीन मनोनीत सदस्यों की विधानसभा स्थापित की गई। 19 दिसंबर, 1969 से प्रशासक का पद मुख्य आयुक्त स्थान पर उपराज्यपाल कर दिया गया। 21 जनवरी, 1972 को मणिपुर को पूर्ण राज्य की श्रेणी मिली और 60 निर्वाचित सदस्यों की विधानसभा का गठन किया गया। इस विधानसभा में अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के लिए 19 सीट आरक्षित हैं। मणिपुर से लोकसभा के दो और राज्य सभा का एक प्रतिनिधि है।
|
|
|
|
|