उदयगिरि पहाड़ियाँ: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replacement - "विद्वान " to "विद्वान् ")
 
(3 intermediate revisions by 3 users not shown)
Line 1: Line 1:
*ये पहाड़ियाँ पूर्वी [[भारत]] में [[उड़ीसा]] प्रांत का [[बौद्ध]] संकुल हैं।  
'''उदयगिरि पहाड़ियाँ''' पूर्वी [[भारत]] में [[उड़ीसा]] प्रांत का [[बौद्ध]] संकुल हैं। चीनी यात्री [[ह्वेन त्सांग]] ने इस क्षेत्र को पुष्पगिरि नामक समृद्ध बौद्ध विश्वविद्यालय के रूप में देखा था।
*चीनी यात्री [[ह्वेन त्सांग]] ने इस क्षेत्र को पुष्पगिरि नामक समृद्ध बौद्ध विश्वविद्यालय के रूप में देखा था।  
 
*[[कटक]] के निकट केन्द्रपाड़ा-जाजपुर ज़िलों में स्थित इन तीन पहाड़ियों में [[उत्खनन]] से बने पेगोड़ा के अवशेष, नक़्क़ाशीदार पत्थर के प्रवेशद्वार तथा रहस्यमयी बौद्ध प्रतिमाएँ मिली है।  
*[[कटक]] के निकट केन्द्रपाड़ा-जाजपुर ज़िलों में स्थित इन तीन पहाड़ियों में [[उत्खनन]] से बने पेगोड़ा के अवशेष, नक़्क़ाशीदार पत्थर के प्रवेशद्वार तथा रहस्यमयी बौद्ध प्रतिमाएँ मिली है।  
*इनमें से सबसे विशाल उदयगिरि की हाल में हुई खुदाई के कारण प्रमुखता मिली है।  
*इनमें से सबसे विशाल उदयगिरि की हाल में हुई खुदाई के कारण प्रमुखता मिली है।  
*खुदाई से ज्ञात पेगोड़ा (बौद्ध मठ) का नाम माधवपुरा महाविहार था।  
*खुदाई से ज्ञात पेगोड़ा (बौद्ध मठ) का नाम माधवपुरा महाविहार था।  
*इन पहाड़ियों में सबसे महत्त्वपूर्ण [[रत्नगिरि]] है, ज़िले तत्कालीन समय का उल्लेखनीय बौद्ध केन्द्र माना गया है।  
*इन पहाड़ियों में सबसे महत्त्वपूर्ण [[रत्नगिरि]] है, ज़िले तत्कालीन समय का उल्लेखनीय बौद्ध केन्द्र माना गया है।  
*प्राचीन काल के विद्वान इस संकुल में रत्नगिरि को मानते हैं।  
*प्राचीन काल के विद्वान् इस संकुल में रत्नगिरि को मानते हैं।  
*[[गुप्तोत्तर काल]] में यह स्थान बौद्ध शिल्प का सम्भवतः सबसे बड़ा केन्द्र था।  
*[[गुप्तोत्तर काल]] में यह स्थान बौद्ध शिल्प का सम्भवतः सबसे बड़ा केन्द्र था।  
*यहाँ के [[बौद्ध विहार]] के कलात्मक शिल्प एवं उत्कीर्ण द्धार-पार्श्वों से यह प्रमाणित होता है।  
*यहाँ के [[बौद्ध विहार]] के कलात्मक शिल्प एवं उत्कीर्ण द्धार-पार्श्वों से यह प्रमाणित होता है।  
*प्रथम शताब्दी का ललितगिरि इन तीनों में सबसे पुराना है।  
*प्रथम [[शताब्दी]] का [[ललितगिरि]] इन तीनों में सबसे पुराना है।  
*ललितगिरि में हाल ही में हुई खुदाई में महत्त्वपूर्ण पुरातात्विक सामग्री मिली है, जिससे ज्ञात होता है कि यह बौद्ध आकर्षण का एक महान केन्द्र था।  
*ललितगिरि में हाल ही में हुई खुदाई में महत्त्वपूर्ण पुरातात्विक सामग्री मिली है, जिससे ज्ञात होता है कि यह बौद्ध आकर्षण का एक महान् केन्द्र था।  
 
{{प्रचार}}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}}  
{{लेख प्रगति
|आधार=
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1
|माध्यमिक=
|पूर्णता=
|शोध=
}}
 
{{संदर्भ ग्रंथ}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
Line 26: Line 17:
{{उड़ीसा के पर्यटन स्थल}}
{{उड़ीसा के पर्यटन स्थल}}
{{पर्वत}}
{{पर्वत}}
[[Category:उड़ीसा राज्य]] [[Category:इतिहास कोश]]  
[[Category:उड़ीसा राज्य]] [[Category:इतिहास कोश]][[Category:पर्वत]][[Category:भूगोल_कोश]]
[[Category:पर्वत]]
[[Category:भूगोल_कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 14:23, 6 July 2017

उदयगिरि पहाड़ियाँ पूर्वी भारत में उड़ीसा प्रांत का बौद्ध संकुल हैं। चीनी यात्री ह्वेन त्सांग ने इस क्षेत्र को पुष्पगिरि नामक समृद्ध बौद्ध विश्वविद्यालय के रूप में देखा था।

  • कटक के निकट केन्द्रपाड़ा-जाजपुर ज़िलों में स्थित इन तीन पहाड़ियों में उत्खनन से बने पेगोड़ा के अवशेष, नक़्क़ाशीदार पत्थर के प्रवेशद्वार तथा रहस्यमयी बौद्ध प्रतिमाएँ मिली है।
  • इनमें से सबसे विशाल उदयगिरि की हाल में हुई खुदाई के कारण प्रमुखता मिली है।
  • खुदाई से ज्ञात पेगोड़ा (बौद्ध मठ) का नाम माधवपुरा महाविहार था।
  • इन पहाड़ियों में सबसे महत्त्वपूर्ण रत्नगिरि है, ज़िले तत्कालीन समय का उल्लेखनीय बौद्ध केन्द्र माना गया है।
  • प्राचीन काल के विद्वान् इस संकुल में रत्नगिरि को मानते हैं।
  • गुप्तोत्तर काल में यह स्थान बौद्ध शिल्प का सम्भवतः सबसे बड़ा केन्द्र था।
  • यहाँ के बौद्ध विहार के कलात्मक शिल्प एवं उत्कीर्ण द्धार-पार्श्वों से यह प्रमाणित होता है।
  • प्रथम शताब्दी का ललितगिरि इन तीनों में सबसे पुराना है।
  • ललितगिरि में हाल ही में हुई खुदाई में महत्त्वपूर्ण पुरातात्विक सामग्री मिली है, जिससे ज्ञात होता है कि यह बौद्ध आकर्षण का एक महान् केन्द्र था।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख