पुरुष परीक्षा: Difference between revisions

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'''पुरुष परीक्षा''' की रचना महाकवि '[[विद्यापति|विद्यापति ठाकुर]]' ने महाराजा शिवसिंह के निर्देशन पर किया था।  
'''पुरुष परीक्षा''' की रचना महाकवि '[[विद्यापति|विद्यापति ठाकुर]]' ने महाराजा शिवसिंह के निर्देशन पर किया था।  
* यह ग्रन्थ पश्चिम के समाजशास्रियों के इस भ्रान्ति कि "भारत में concept of man in Indian Tradition नामक विषय पर पटना विश्वविद्यालय के महान समाजशास्त्री प्रो. हेतुकर झा ने एक उत्तम कोटि की ग्रन्थ की रचना की है। * यह ग्रन्थ समाजशास्त्रियों, इतिहासकारों, मानव वैज्ञानिकों, राजनीतिशास्त्रियों के साथ-साथ दर्शन एवं साहित्य के लोगों के लिए भी एक अपूर्व कृति है।
* यह ग्रन्थ पश्चिम के समाजशास्रियों के इस भ्रान्ति कि "भारत में concept of man in Indian Tradition नामक विषय पर पटना विश्वविद्यालय के महान् समाजशास्त्री प्रो. हेतुकर झा ने एक उत्तम कोटि की ग्रन्थ की रचना की है। * यह ग्रन्थ समाजशास्त्रियों, इतिहासकारों, मानव वैज्ञानिकों, राजनीतिशास्त्रियों के साथ-साथ दर्शन एवं साहित्य के लोगों के लिए भी एक अपूर्व कृति है।
* पुरुष परीक्षा की कथा दी गयी है। वीरकथा, सुबुद्धिकथा, सुविद्यकथा और पुरुषार्थकथा- इन चार वर्गों [[पंचतंत्र]] की परम्परा में शिक्षाप्रद कथाएँ प्रस्तुत की गयी हैं।
* पुरुष परीक्षा की कथा दी गयी है। वीरकथा, सुबुद्धिकथा, सुविद्यकथा और पुरुषार्थकथा- इन चार वर्गों [[पंचतंत्र]] की परम्परा में शिक्षाप्रद कथाएँ प्रस्तुत की गयी हैं।


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Latest revision as of 11:05, 1 August 2017

पुरुष परीक्षा की रचना महाकवि 'विद्यापति ठाकुर' ने महाराजा शिवसिंह के निर्देशन पर किया था।

  • यह ग्रन्थ पश्चिम के समाजशास्रियों के इस भ्रान्ति कि "भारत में concept of man in Indian Tradition नामक विषय पर पटना विश्वविद्यालय के महान् समाजशास्त्री प्रो. हेतुकर झा ने एक उत्तम कोटि की ग्रन्थ की रचना की है। * यह ग्रन्थ समाजशास्त्रियों, इतिहासकारों, मानव वैज्ञानिकों, राजनीतिशास्त्रियों के साथ-साथ दर्शन एवं साहित्य के लोगों के लिए भी एक अपूर्व कृति है।
  • पुरुष परीक्षा की कथा दी गयी है। वीरकथा, सुबुद्धिकथा, सुविद्यकथा और पुरुषार्थकथा- इन चार वर्गों पंचतंत्र की परम्परा में शिक्षाप्रद कथाएँ प्रस्तुत की गयी हैं।



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