अमृतयोग: Difference between revisions

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'''अमृतयोग''' ज्योतिषशास्त्र का एक योगविशेष। ज्योतिष में वर्णित आनंद आदि 28 योगों में 29 वाँ योग अमृतयोग है। निम्नलिखित स्थितियों में अमृतयोग माना जाता है:
'''अमृतयोग''' [[ज्योतिष|ज्योतिष शास्त्र]] का एक योग विशेष है। ज्योतिष में वर्णित आनंद आदि 28 योगों में 29 वाँ योग अमृतयोग है। निम्नलिखित स्थितियों में अमृतयोग माना जाता है:


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#[[रविवार]] -  [[उत्तराषाढ़ नक्षत्र]],  
#सोमवार शतभिषा नक्षत्र,  
#[[सोमवार]] -  [[शतभिषा नक्षत्र]],  
#भौमवार अश्विनी नक्षत्र,  
#[[मंगलवार|भौमवार]] - [[अश्विनी नक्षत्र]],  
#बुधवार मृगशिरा नक्षत्र,  
#[[बुधवार]] -  [[मृगशिरा नक्षत्र]],  
#गुरुवार श्लेषा नक्षत्र,  
#[[गुरुवार]] -  [[अश्लेषा नक्षत्र]],
#शुक्रवार हस्त नक्षत्र तथा  
#[[शुक्रवार]] -  [[हस्त नक्षत्र]] तथा  
#शनिवार अनुराधा नक्षत्र।
#[[शनिवार]] - [[अनुराधा नक्षत्र]]।


यह योग अपने नाम के अनुसार अमृतत्व फल देने वाला है अत: इस योग में यात्रा आदि शुभ कार्य श्रेष्ठ माने जाते हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1|लेखक= |अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=207 |url=}}</ref>
यह योग अपने नाम के अनुसार अमृतत्व फल देने वाला है अत: इस योग में यात्रा आदि शुभ कार्य श्रेष्ठ माने जाते हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1|लेखक= |अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=207 |url=}}</ref>
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अमृतयोग ज्योतिष शास्त्र का एक योग विशेष है। ज्योतिष में वर्णित आनंद आदि 28 योगों में 29 वाँ योग अमृतयोग है। निम्नलिखित स्थितियों में अमृतयोग माना जाता है:

  1. रविवार - उत्तराषाढ़ नक्षत्र,
  2. सोमवार - शतभिषा नक्षत्र,
  3. भौमवार - अश्विनी नक्षत्र,
  4. बुधवार - मृगशिरा नक्षत्र,
  5. गुरुवार - अश्लेषा नक्षत्र,
  6. शुक्रवार - हस्त नक्षत्र तथा
  7. शनिवार - अनुराधा नक्षत्र

यह योग अपने नाम के अनुसार अमृतत्व फल देने वाला है अत: इस योग में यात्रा आदि शुभ कार्य श्रेष्ठ माने जाते हैं।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 207 |

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