बनखण्डी महादेव वृन्दावन: Difference between revisions
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*प्रसिद्ध [[बांके बिहारी मन्दिर|बाँकेबिहारी मन्दिर]], वृन्दावन से निकलकर अठखम्बा पारकर तिराहे पर बनखण्डी महादेव जी विराजमान हैं। | |||
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श्री[[सनातन गोस्वामी]] [[वृन्दावन]] में निवास करते समय पुराने [[मदन मोहन | श्री[[सनातन गोस्वामी]] [[वृन्दावन]] में निवास करते समय पुराने [[मदन मोहन मन्दिर वृन्दावन|श्रीमदनमोहन मन्दिर]] के पास स्थित अपनी भजन-कुटी से प्रतिदिन [[गोपेश्वर महादेव वृन्दावन|श्रीगोपीश्वर महादेव]] का दर्शन करने अवश्य ही जाते। वृद्ध हो जाने पर श्रीगोपीश्वर महादेव ने श्रीसनातन गोस्वामी को स्वप्नादेश में कहा कि इस वृद्धावस्था में आप इतना कष्ट कर मेरे दर्शनों के लिए न आएँ। मैं स्वयं ही आपकी भजन-कुटी के निकट ही बनखण्डी में प्रकट होऊँगा। सचमुच दूसरे दिन बनखण्डी में [[महादेव]] जी प्रकट हो गये। सनातन गोस्वामी यह देखकर बड़े भावाविष्ट हो गये। तब से वे प्रतिदिन बनखण्डी महादेव के दर्शन कर अपनी भजन-कुटी में लौट जाते । श्रीगोपीश्वर महादेव के इस बनखण्डी में प्रकट होने के कारण इस स्थान का नाम बनखण्डी महादेव प्रसिद्ध हुआ। | ||
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Latest revision as of 15:56, 14 September 2010
- प्रसिद्ध बाँकेबिहारी मन्दिर, वृन्दावन से निकलकर अठखम्बा पारकर तिराहे पर बनखण्डी महादेव जी विराजमान हैं।
प्रसंग
श्रीसनातन गोस्वामी वृन्दावन में निवास करते समय पुराने श्रीमदनमोहन मन्दिर के पास स्थित अपनी भजन-कुटी से प्रतिदिन श्रीगोपीश्वर महादेव का दर्शन करने अवश्य ही जाते। वृद्ध हो जाने पर श्रीगोपीश्वर महादेव ने श्रीसनातन गोस्वामी को स्वप्नादेश में कहा कि इस वृद्धावस्था में आप इतना कष्ट कर मेरे दर्शनों के लिए न आएँ। मैं स्वयं ही आपकी भजन-कुटी के निकट ही बनखण्डी में प्रकट होऊँगा। सचमुच दूसरे दिन बनखण्डी में महादेव जी प्रकट हो गये। सनातन गोस्वामी यह देखकर बड़े भावाविष्ट हो गये। तब से वे प्रतिदिन बनखण्डी महादेव के दर्शन कर अपनी भजन-कुटी में लौट जाते । श्रीगोपीश्वर महादेव के इस बनखण्डी में प्रकट होने के कारण इस स्थान का नाम बनखण्डी महादेव प्रसिद्ध हुआ।