दशाश्वमेध तीर्थ मथुरा: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Text replace - '[[category' to '[[Category')
 
No edit summary
 
(7 intermediate revisions by 4 users not shown)
Line 1: Line 1:
 
*[[यमुना नदी|यमुना]] के इस पवित्र घाट पर [[ब्रह्मा]]जी ने [[अश्वमेध यज्ञ|दश अश्वमेध यज्ञ]] किये थे।  यह स्थान देवर्षि [[नारद]], चतु:सन आदि ऋषियों के द्वारा सदा–सर्वदा पूजित है । यहाँ स्नान करने से मनुष्य को भगवद् धाम की प्राप्ति होती है ।
==दशाश्वमेध तीर्थ / Dashashavmedh Tirth==
<blockquote>दशास्वमेधमृषिभि: पूजितं सर्वदा पुरा ।<br />
दशास्वमेधमृषिभि: पूजितं सर्वदा पुरा ।<br />
तत्र ये स्नान्ति मनुजास्तेषां स्वर्गो न दुर्ल्लभ: ।।<br /></blockquote>
तत्र ये स्नान्ति मनुजास्तेषां स्वर्गो न दुर्ल्लभ: ।।<br />
{{प्रचार}}
[[यमुना]] के इस पवित्र घाट पर [[ब्रह्मा]]जी ने [[अश्वमेध यज्ञ|दश अश्वमेध यज्ञ]] किये थे।  यह स्थान देवर्षि [[नारद]], चतु:सन आदि ऋषियों के द्वारा सदा–सर्वदा पूजित है । यहाँ स्नान करने से मनुष्य को भगवद् धाम की प्राप्ति होती है ।
==संबंधित लेख==
<br />
{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}}
{{यमुना के घाट मथुरा}}
[[Category:ब्रज]]
[[Category:ब्रज के धार्मिक स्थल]]
[[Category:ब्रज के धार्मिक स्थल]]
[[Category:धार्मिक स्थल कोश]]
[[Category:पर्यटन कोश]]
__INDEX__
__INDEX__

Latest revision as of 11:53, 14 June 2011

  • यमुना के इस पवित्र घाट पर ब्रह्माजी ने दश अश्वमेध यज्ञ किये थे। यह स्थान देवर्षि नारद, चतु:सन आदि ऋषियों के द्वारा सदा–सर्वदा पूजित है । यहाँ स्नान करने से मनुष्य को भगवद् धाम की प्राप्ति होती है ।

दशास्वमेधमृषिभि: पूजितं सर्वदा पुरा ।
तत्र ये स्नान्ति मनुजास्तेषां स्वर्गो न दुर्ल्लभ: ।।

संबंधित लेख