कर्णदा नदी: Difference between revisions
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*ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 143| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार | |||
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Latest revision as of 13:44, 30 March 2019
- बृहद्धर्मपुराण में वर्णित कीकट देश (मगध) की एक नदी जिसे पवित्र माना गया है।[1]
- जान पड़ता है यह गया के निकट बहने वाली फल्गु नदी है जहाँ पितरों का श्राद्ध किया जाता है।
- कर्णदा नदी का नाम महाभारत के कर्ण से संबंधित जान पड़ता है।
- यह तथ्य उल्लेखनीय है कि कीकट देश को प्राचीन पुराणों की परंपरा में अपवित्र देश बताया गया है जिसका कारण इस देश में बौद्ध-मत का आधिपत्य रहा होगा, किंतु कालांतर में गया में पुन: हिन्दूधर्म की सत्ता स्थापित होने पर इसे तथा यहाँ बहने वाली नदी को पवित्र समझा जाने लगा।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 'तत्र देशे गया नाम पुण्यदेशोस्ति विश्रुत: नदी च कर्णदा नाम पितृणां स्वर्ग-दायिनी'
- ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 143| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार