नगनदी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('{{पुनरीक्षण}} :'विश्रांतस्सन व्रज नगनदीतीरजातानिसिच...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
m (Text replacement - "पश्चात " to "पश्चात् ")
 
(One intermediate revision by one other user not shown)
Line 1: Line 1:
{{पुनरीक्षण}}
:'विश्रांतस्सन व्रज नगनदीतीरजातानिसिचनुद्यानानां नवजलकणैर्यूथिका जालकानि'।<ref>[[मेघदूत]], पूर्वमेघ 28</ref>  
:'विश्रांतस्सन व्रज नगनदीतीरजातानिसिचनुद्यानानां नवजलकणैर्यूथिका जालकानि'।<ref>[[मेघदूत]], पूर्वमेघ 28</ref>  
*इस श्लोक में 'नगनदी' के उल्लेख से जान पड़ता है कि [[कालिदास]] ने नगनदी का किसी विशेष नदी के नाम के रूप में उल्लेख न करके इस शब्द को सामान्य रूप से पहाड़ी नदी (नग=पर्वत) के अर्थ में प्रयुक्त किया है।  
इस [[श्लोक]] में 'नगनदी' के उल्लेख से जान पड़ता है कि [[कालिदास]] ने नगनदी का किसी विशेष नदी के नाम के रूप में उल्लेख न करके इस शब्द को सामान्य रूप से पहाड़ी नदी (नग=पर्वत) के अर्थ में प्रयुक्त किया है।  
*नगनदी का मेघ की यात्रा के क्रम में [[विदिशा]] और नीचगिरि के टीक पश्चात उल्लेख हुआ है और नगनदी के पश्चात अगले [[छंद|छंदों]] में मेघ को [[उज्जयिनी]] का मार्ग बताया गया है। जान पड़ता है कि यह नदी वर्तमान की 'वेसनदी' है जिसके तट पर अति प्राचीन स्थान वेसनगर<ref>जो विदिशा का उपनगर था</ref> वसा हुआ है।  
*नगनदी का मेघ की यात्रा के क्रम में [[विदिशा]] और नीचगिरि के टीक पश्चात् उल्लेख हुआ है और नगनदी के पश्चात् अगले [[छंद|छंदों]] में मेघ को [[उज्जयिनी]] का मार्ग बताया गया है। जान पड़ता है कि यह नदी वर्तमान की 'वेसनदी' है जिसके तट पर अति प्राचीन स्थान वेसनगर<ref>जो विदिशा का उपनगर था</ref> वसा हुआ है।  
*वेस नदी वेसनगर के निकट ही बेतवा में मिलती है। संभव है कि बेस नदी के छोटी सी सरिता होने के कारण कालिदास ने उसे नगनदी या पहाड़ी नदी मात्र कहा है।  
*वेस नदी वेसनगर के निकट ही बेतवा में मिलती है। संभव है कि बेस नदी के छोटी सी सरिता होने के कारण कालिदास ने उसे नगनदी या पहाड़ी नदी मात्र कहा है।  


{{संदर्भ ग्रंथ}}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==


==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
Line 15: Line 12:
[[Category:कालिदास]]
[[Category:कालिदास]]
[[Category:भारत की नदियाँ]][[Category:भूगोल कोश]]
[[Category:भारत की नदियाँ]][[Category:भूगोल कोश]]
[[Category:नया पन्ना सितंबर-2011]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__

Latest revision as of 07:42, 23 June 2017

'विश्रांतस्सन व्रज नगनदीतीरजातानिसिचनुद्यानानां नवजलकणैर्यूथिका जालकानि'।[1]

इस श्लोक में 'नगनदी' के उल्लेख से जान पड़ता है कि कालिदास ने नगनदी का किसी विशेष नदी के नाम के रूप में उल्लेख न करके इस शब्द को सामान्य रूप से पहाड़ी नदी (नग=पर्वत) के अर्थ में प्रयुक्त किया है।

  • नगनदी का मेघ की यात्रा के क्रम में विदिशा और नीचगिरि के टीक पश्चात् उल्लेख हुआ है और नगनदी के पश्चात् अगले छंदों में मेघ को उज्जयिनी का मार्ग बताया गया है। जान पड़ता है कि यह नदी वर्तमान की 'वेसनदी' है जिसके तट पर अति प्राचीन स्थान वेसनगर[2] वसा हुआ है।
  • वेस नदी वेसनगर के निकट ही बेतवा में मिलती है। संभव है कि बेस नदी के छोटी सी सरिता होने के कारण कालिदास ने उसे नगनदी या पहाड़ी नदी मात्र कहा है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. मेघदूत, पूर्वमेघ 28
  2. जो विदिशा का उपनगर था

संबंधित लेख