बॉक्साइट: Difference between revisions

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'''बॉक्साइट''' एक [[खनिज]] है। यह पत्थर सर्वप्रथम [[फ्रांस]] में लैस बौक्स के निकट मिला था। इसी आधार पर इस खनिज का नाम बॉक्साइट पड़ा। इसी खनिज से विश्व का अधिकांश [[ऐलुमिनियम]] निकाला जाता है। इसका [[रंग]] [[सफ़ेद रंग|सफ़ेद]] या [[भूरा रंग|भूरा]] होता है। सामान्यत: इसमें [[लोहा|लोहे]] का अंश विद्यमान रहता है। लोहे की मात्रा पर निर्भर इसका रंग [[गुलाबी रंग|गुलाबी]] या [[लाल रंग|लाल]] होता है। खदान से निकलने पर यह इतना मुलायम होता है कि हाथ से टूट जाता है, पर [[वायुमंडल]] के संपर्क में आने पर इसकी कठोरता बढ़ जाती है। इसकी आकृति [[मटर]] के दानों के समान होती है, अत: इसको पहचानने में कभी कठिनाई नहीं होती। इसका आपेक्षिक [[घनत्व]] 2.0 से 2.6 तक है।
'''बॉक्साइट''' एक [[खनिज]] है। यह पत्थर सर्वप्रथम [[फ्रांस]] में लैस बौक्स के निकट मिला था। इसी आधार पर इस खनिज का नाम बॉक्साइट पड़ा। इसी खनिज से विश्व का अधिकांश [[ऐलुमिनियम]] निकाला जाता है। इसका [[रंग]] [[सफ़ेद रंग|सफ़ेद]] या [[भूरा रंग|भूरा]] होता है। सामान्यत: इसमें [[लोहा|लोहे]] का अंश विद्यमान रहता है। लोहे की मात्रा पर निर्भर इसका रंग [[गुलाबी रंग|गुलाबी]] या [[लाल रंग|लाल]] होता है। खदान से निकलने पर यह इतना मुलायम होता है कि हाथ से टूट जाता है, पर [[वायुमंडल]] के संपर्क में आने पर इसकी कठोरता बढ़ जाती है। इसकी आकृति [[मटर]] के दानों के समान होती है, अत: इसको पहचानने में कभी कठिनाई नहीं होती। इसका आपेक्षिक [[घनत्व]] 2.0 से 2.6 तक है। बॉक्साइट का निर्माण [[पृथ्वी]] की सतह पर या उसके निकट [[मिट्टी]] तथा [[ऐलुमिनियम]], [[आग्नेय चट्टान|आग्नेय शिलाओं]] के विघटन से होता है। बॉक्साइट [[पठार|पठारों]] के ऊपरी भागों में, पटलाकार पहाड़ियों में तथा चूने की शिलाओं में अनियमित समुदायों में मिलता है। [[भारत]] में इसके निक्षेप [[बिहार]], [[मध्य प्रदेश]], [[उड़ीसा]], [[मद्रास]] तथा [[कश्मीर]] में हैं।<ref>{{cite web |url=http://bharatkhoj.org/india/%E0%A4%AC%E0%A5%89%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%9F |title=बॉक्साइट |accessmonthday= 28 अगस्त|accessyear=2014 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भारतखोज |language=हिंदी }}</ref>
 
==प्राप्ति स्थान==
बॉक्साइट का निर्माण [[पृथ्वी]] की सतह पर या उसके निकट [[मिट्टी]] तथा ऐलुमिनियम धनी, [[आग्नेय चट्टान|आग्नेय शिलाओं]] के विधटन से होता है। बॉक्साइट [[पठार|पठारों]] के ऊपरी भागों में, पटलाकार पहाड़ियों में तथा चूने की शिलाओं में अनियमित समुदायों में मिलता है। [[भारत]] में इसके निक्षेप [[बिहार]], [[मध्य प्रदेश]], [[उड़ीसा]], [[मद्रास]] तथा [[कश्मीर]] में हैं।
ऐलुमिनियम की प्राप्ति का स्रोत होने के कारण बॉक्साइट की गणना महत्त्वपूर्ण खनिजों में की जाती है। इसकी प्राप्ति लौह भस्मों के रूप में होती है जिनमें प्रमुख हैं- बोकमाइट, डायस्फोर तथा गिबराइट। भारत में मिलने वाले ये सभी भस्म लैटराइट प्रकार के हैं, जिनमें लाल एवं पीला लौहांश अधिक मात्रा में मिला रहता है। इसका कुल संचित भण्डार 303.7 करोड़ टन अनुमानित किया गया है। इनमें से 246 करोड़ टन ऐसे हैं, जिन्हें निकाला जा सकता है। इसका प्रमुख उत्पादक राज्य [[झारखंड]] है जहाँ [[रांची ज़िला|राँची]] एवं [[पलामू ज़िला|पलामू]] ज़िलों के ऊपरघाट तथा खुरिया क्षेत्रों में इसकी महत्त्वपूर्ण खाने स्थित हैं। [[छत्तीसगढ़]] के सरगुजा, [[दुर्ग छत्तीसगढ़|दुर्ग]], [[बिलासपुर छत्तीसगढ़|बिलासपुर]] आदि ज़िलों में, [[मध्य प्रदेश]] के शहडोल, [[बालाघाट]], [[जबलपुर]] आदि ज़िलों में, [[उड़ीसा]] के कालाहाँडी तथा सम्बलपुर ज़िलों में, [[गुजरात]] में [[सौराष्ट्र]] के धांगरवाड़ी नामक स्थान पर खेंड़ा, [[बड़ोदरा|बड़ोदरा]], राजपीपला आदि ज़िलों में, [[महाराष्ट्र]] के [[पुणे]], [[सतारा]], [[कोल्हापुर]], कोलाबा, थाणे एवं [[रत्नागिरि]] ज़िलों में, [[तमिलनाडु]] के [[नीलगिरि ज़िला|नीलगिरि]] के समीपवर्ती एवं कर्णन नदी की घाटी में, [[पालनी की पहाड़ियाँ|पालनी पहाड़ियों]] के क्षेत्र में, शेवराय पहाड़ी क्षेत्र में यरकुड के समीप तथा कोलामताई पहाड़ियों पर, [[कर्नाटक]] में बेलगाँव ज़िले में सिद्ध पहाड़, जम्बोतीबेटेन क्षेत्र, कसारासादा पहाड़ियाँ, कालानन्दी क्षेत्र तथा [[बाबाबूदान की पहाड़ियाँ|बाबाबूदन की पहाड़ियाँ]] आदि क्षेत्रों में ताँबे का [[उत्खनन]] किया जाता है। 2006-07 के दौरान में कुल 130.75 लाख टन बॉक्साइट का उत्पादन हुआ।


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thumb|250px|बॉक्साइट बॉक्साइट एक खनिज है। यह पत्थर सर्वप्रथम फ्रांस में लैस बौक्स के निकट मिला था। इसी आधार पर इस खनिज का नाम बॉक्साइट पड़ा। इसी खनिज से विश्व का अधिकांश ऐलुमिनियम निकाला जाता है। इसका रंग सफ़ेद या भूरा होता है। सामान्यत: इसमें लोहे का अंश विद्यमान रहता है। लोहे की मात्रा पर निर्भर इसका रंग गुलाबी या लाल होता है। खदान से निकलने पर यह इतना मुलायम होता है कि हाथ से टूट जाता है, पर वायुमंडल के संपर्क में आने पर इसकी कठोरता बढ़ जाती है। इसकी आकृति मटर के दानों के समान होती है, अत: इसको पहचानने में कभी कठिनाई नहीं होती। इसका आपेक्षिक घनत्व 2.0 से 2.6 तक है। बॉक्साइट का निर्माण पृथ्वी की सतह पर या उसके निकट मिट्टी तथा ऐलुमिनियम, आग्नेय शिलाओं के विघटन से होता है। बॉक्साइट पठारों के ऊपरी भागों में, पटलाकार पहाड़ियों में तथा चूने की शिलाओं में अनियमित समुदायों में मिलता है। भारत में इसके निक्षेप बिहार, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, मद्रास तथा कश्मीर में हैं।[1]

प्राप्ति स्थान

ऐलुमिनियम की प्राप्ति का स्रोत होने के कारण बॉक्साइट की गणना महत्त्वपूर्ण खनिजों में की जाती है। इसकी प्राप्ति लौह भस्मों के रूप में होती है जिनमें प्रमुख हैं- बोकमाइट, डायस्फोर तथा गिबराइट। भारत में मिलने वाले ये सभी भस्म लैटराइट प्रकार के हैं, जिनमें लाल एवं पीला लौहांश अधिक मात्रा में मिला रहता है। इसका कुल संचित भण्डार 303.7 करोड़ टन अनुमानित किया गया है। इनमें से 246 करोड़ टन ऐसे हैं, जिन्हें निकाला जा सकता है। इसका प्रमुख उत्पादक राज्य झारखंड है जहाँ राँची एवं पलामू ज़िलों के ऊपरघाट तथा खुरिया क्षेत्रों में इसकी महत्त्वपूर्ण खाने स्थित हैं। छत्तीसगढ़ के सरगुजा, दुर्ग, बिलासपुर आदि ज़िलों में, मध्य प्रदेश के शहडोल, बालाघाट, जबलपुर आदि ज़िलों में, उड़ीसा के कालाहाँडी तथा सम्बलपुर ज़िलों में, गुजरात में सौराष्ट्र के धांगरवाड़ी नामक स्थान पर खेंड़ा, बड़ोदरा, राजपीपला आदि ज़िलों में, महाराष्ट्र के पुणे, सतारा, कोल्हापुर, कोलाबा, थाणे एवं रत्नागिरि ज़िलों में, तमिलनाडु के नीलगिरि के समीपवर्ती एवं कर्णन नदी की घाटी में, पालनी पहाड़ियों के क्षेत्र में, शेवराय पहाड़ी क्षेत्र में यरकुड के समीप तथा कोलामताई पहाड़ियों पर, कर्नाटक में बेलगाँव ज़िले में सिद्ध पहाड़, जम्बोतीबेटेन क्षेत्र, कसारासादा पहाड़ियाँ, कालानन्दी क्षेत्र तथा बाबाबूदन की पहाड़ियाँ आदि क्षेत्रों में ताँबे का उत्खनन किया जाता है। 2006-07 के दौरान में कुल 130.75 लाख टन बॉक्साइट का उत्पादन हुआ।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. बॉक्साइट (हिंदी) भारतखोज। अभिगमन तिथि: 28 अगस्त, 2014।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख