हारीत संहिता: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''हारीत संहिता''' के रचयिता महर्षि हारीत थे, जो आत्रेय ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
No edit summary
 
Line 1: Line 1:
[[चित्र:Harit-Sanhita.jpg|thumb|150px|हारीत संहिता]]
'''हारीत संहिता''' के रचयिता महर्षि हारीत थे, जो आत्रेय पुनर्वसु के शिष्य थे। हारीत संहिता आज भी उपलब्ध है, किन्तु यह वही है कि नहीं, यह निश्चित रूप से कहा नहीं जा सकता।<ref>{{cite web |url= http://books.google.co.in/books?id=2wFDKpAJsC0C&pg=PT11&lpg=PT11&dq=%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%A4+%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BE&source=bl&ots=iWbTY1fUmk&sig=GfdhVCXpUaAUGgThI1kwnioSKwo&hl=en&sa=X&ei=WaftU8fqJ9a68gW7qoHACw&ved=0CEYQ6AEwBg#v=onepage&q=%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%A4%20%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BE&f=false|title= गूगल बुक्स|accessmonthday= 15 अगस्त|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language= हिन्दी}}</ref> हारीत संहतिा चिकित्सा प्रधान [[ग्रन्थ]] है। इसकी सफल चिकित्सा विधि वैद्य एवं रुग्ण के लिए उपयुक्त है।
'''हारीत संहिता''' के रचयिता महर्षि हारीत थे, जो आत्रेय पुनर्वसु के शिष्य थे। हारीत संहिता आज भी उपलब्ध है, किन्तु यह वही है कि नहीं, यह निश्चित रूप से कहा नहीं जा सकता।<ref>{{cite web |url= http://books.google.co.in/books?id=2wFDKpAJsC0C&pg=PT11&lpg=PT11&dq=%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%A4+%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BE&source=bl&ots=iWbTY1fUmk&sig=GfdhVCXpUaAUGgThI1kwnioSKwo&hl=en&sa=X&ei=WaftU8fqJ9a68gW7qoHACw&ved=0CEYQ6AEwBg#v=onepage&q=%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%80%E0%A4%A4%20%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BE&f=false|title= गूगल बुक्स|accessmonthday= 15 अगस्त|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher= |language= हिन्दी}}</ref> हारीत संहतिा चिकित्सा प्रधान [[ग्रन्थ]] है। इसकी सफल चिकित्सा विधि वैद्य एवं रुग्ण के लिए उपयुक्त है।



Latest revision as of 07:16, 15 August 2014

thumb|150px|हारीत संहिता हारीत संहिता के रचयिता महर्षि हारीत थे, जो आत्रेय पुनर्वसु के शिष्य थे। हारीत संहिता आज भी उपलब्ध है, किन्तु यह वही है कि नहीं, यह निश्चित रूप से कहा नहीं जा सकता।[1] हारीत संहतिा चिकित्सा प्रधान ग्रन्थ है। इसकी सफल चिकित्सा विधि वैद्य एवं रुग्ण के लिए उपयुक्त है।

  • आत्रेय पुनर्वसु के छ: शिष्य, जिनमें हारीत की भी गणना है, इनके सभी शिष्यों ने अपने-अपने नाम से अपने-अपने तन्त्रों की रचना की।
  • हारीत लिखित 'हारीत संहिता' आज भी उपलब्ध है, जो आचार्य पुनर्वसु से अनुमोदित है।
  • आचार्य पुनर्वसु ने अपने सभी शिष्यों द्वारा रचित पुस्तकों की शंकाओं का समाधान पूर्णरूपेण किया है, तदुपरान्त उनका अनुमोदन किया।
  • 'हारीत संहिता' में चिकित्सा की सभी विधाओं का वर्णन है। इस पुस्तक में आयुर्वेदीय वनस्पतियों द्वारा चिकित्सा की सम्यक् व्यवस्था र्विणत है, जो अति उपयोगी एवं महत्वपूर्ण है।
  • इस ग्रन्थ में देश, काल, वय का भी वर्णन है तथा चिकित्सकीय जड़ी-बूटियों से परिपूर्ण एवं एकल औषधि चिकित्सा के क्षेत्र में समृद्ध है।
  • हारीत संहतिा चिकित्सा प्रधान ग्रन्थ है। यह पुस्तक चिकित्सा करने वाले वैद्यों, अध्यापकों व छात्रों के लिए उपयोगी है।[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. गूगल बुक्स (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 15 अगस्त, 2014।
  2. हारीत संहिता (हिन्दी) इंडोवेस्टर्न। अभिगमन तिथि: 15 अगस्त, 2014।

संबंधित लेख