गइ मुरुछा रामहि सुमिरि: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('{{सूचना बक्सा पुस्तक |चित्र=Sri-ramcharitmanas.jpg |चित्र का नाम=रा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
m (Text replacement - " मूर्छा " to " मूर्च्छा ")
 
(One intermediate revision by one other user not shown)
Line 29: Line 29:
|टिप्पणियाँ =  
|टिप्पणियाँ =  
}}
}}
;श्री राम-दशरथ संवाद, अवधवासियों का विषाद, कैकेयी को समझाना
{{poemopen}}
{{poemopen}}
<poem>
<poem>
Line 37: Line 38:


;भावार्थ
;भावार्थ
इतने में राजा की मूर्छा दूर हुई, उन्होंने [[राम]] का स्मरण करके ('राम! राम!' कहकर) फिरकर करवट ली। मंत्री ने श्री रामचन्द्रजी का आना कहकर समयानुकूल विनती की॥43॥
इतने में राजा की मूर्च्छा दूर हुई, उन्होंने [[राम]] का स्मरण करके ('राम! राम!' कहकर) फिरकर करवट ली। मंत्री ने श्री रामचन्द्रजी का आना कहकर समयानुकूल विनती की॥43॥


{{लेख क्रम4| पिछला=लागहिं कुमुख बचन सुभ कैसे|मुख्य शीर्षक=रामचरितमानस |अगला= अवनिप अकनि रामु पगु धारे}}
{{लेख क्रम4| पिछला=लागहिं कुमुख बचन सुभ कैसे|मुख्य शीर्षक=रामचरितमानस |अगला= अवनिप अकनि रामु पगु धारे}}

Latest revision as of 11:51, 3 August 2017

गइ मुरुछा रामहि सुमिरि
कवि गोस्वामी तुलसीदास
मूल शीर्षक रामचरितमानस
मुख्य पात्र राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण आदि
प्रकाशक गीता प्रेस गोरखपुर
शैली चौपाई, सोरठा, छन्द और दोहा
संबंधित लेख दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, हनुमान चालीसा
काण्ड अयोध्या काण्ड
श्री राम-दशरथ संवाद, अवधवासियों का विषाद, कैकेयी को समझाना
दोहा

गइ मुरुछा रामहि सुमिरि नृप फिरि करवट लीन्ह।
सचिव राम आगमन कहि बिनय समय सम कीन्ह॥43॥

भावार्थ

इतने में राजा की मूर्च्छा दूर हुई, उन्होंने राम का स्मरण करके ('राम! राम!' कहकर) फिरकर करवट ली। मंत्री ने श्री रामचन्द्रजी का आना कहकर समयानुकूल विनती की॥43॥


left|30px|link=लागहिं कुमुख बचन सुभ कैसे|पीछे जाएँ गइ मुरुछा रामहि सुमिरि right|30px|link=अवनिप अकनि रामु पगु धारे|आगे जाएँ


दोहा - मात्रिक अर्द्धसम छंद है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में 13-13 मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में 11-11 मात्राएँ होती हैं।




पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख