कालीनाथ राय: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
(''''कालीनाथ राय'''(अंग्रेज़ी: ''Kalinath Roy'')प्रसिद्ध पत्रकार...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
 
(14 intermediate revisions by one other user not shown)
Line 1: Line 1:
'''कालीनाथ राय'''([[अंग्रेज़ी]]: ''Kalinath Roy'')प्रसिद्ध पत्रकार का जन्म 1878 ई. में पूर्वी बंगाल के जैसोर में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था।
'''कालीनाथ राय''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Kalinath Roy'') [[भारत]] के प्रसिद्ध पत्रकार थे। उनका जन्म [[1878]] ई. में [[पूर्वी बंगाल]] के [[जैसोर]] जिले में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था।
==जीवन परिचय==
कालीनाथ राय विद्यार्थी जीवन में ही वे [[पत्रकारिता]] की ओर आकृष्ट हो गए थे और शिक्षा पूरी करते ही दैनिक पत्र ‘बंगाली’ में काम करने लगे। प्रसिद्ध राष्ट्रवाद नेता [[सुरेन्द्रनाथ बनर्जी]] इस पत्र के संपादक थे। [[1911]] में उन्होंंने ‘बंगाली पत्र’ को छोड़ दिया और [[लाला लाजपतराय]] द्वारा स्थापित पत्र ‘पंजाबी’ के संपादक बनकर [[लाहौर]] चले गए। [[1917]] तक इस पत्र में काम करने के बाद वे [[लाहौर]] के ही दूसरे पत्र ‘ट्रिब्यून’ के संपादक बन गये इस पत्र का प्रकाशन सुरेन्द्रनाथ बनर्जी की प्रेरणा पर [[1881]] में सरदार दयाल सिंह मजीठिया ने आरम्भ किया था।
कालीनाथ राय के संपादकत्व में पत्र ने थोडे समय मेंं ही बड़ी ख्याति अर्जित कर ली थी। [[जलियांवाला बाग़]], मार्शल ला आदि के विरोध में उन्होंने निर्भय होकर जो विवरण प्रकाशित किए, उससे पूरे देश को वहां रोमांचक स्थिति का परिचय मिला।
==राष्ट्रवादी विचारक==
*कालीनाथ राय राष्ट्रवादी विचारोंं के व्यक्ति थे।
*[[गांधीजी]] के [[असहयोग आंदोलन]] में कालीनाथ राय ने समर्थन किया था।
*कालीनाथ राय के विचार इतने सरल थे कि सभी प्रमुख नेता उनका अधिक सम्मान करते थे।
*कालीनाथ राय का स्वास्थ्य बिगड़ जाने के कारण [[1943]] में उन्हें ‘ट्रिब्यून’ छोड़ देना पड़ा।
==निधन==
*[[9 दिसम्बर]], [[1945]] को [[कोलकाता]] में उनका निधन हो गया।


*कालीनाथ राय विद्यार्थी जीवन में ही वे पत्रकारिता की ओर आकृष्ट हो गए थे और शिक्षा पुरी करते ही दैनिक पत्र ‘ बंगाली’ में काम करने लगे। प्रसिद्ध राष्ट्रवाद नेता सुरेद्रनाथ बनर्जी इस पत्र के संपादक थे।
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}}
*1911में उन्होंंने ‘ बंगाली पत्र’ को छोद दिया और लाला लाजपतराय द्वारा स्थापित पत्र ‘पंजाबी’ के संपादक बनकर लाहोर चले गए।
*1917 तक इस पत्र  में काम करने के बाद वे लहोर के ही दूसरे पत्र ‘ट्रिब्यून’ के संपादक बन गये इस पत्र का प्रकाशन सुरेद्रनाथ बनर्जी की प्रेणना पर 1881 में सरदार दयाल सिंह मजीठिया ने आरम्भ किया था।
 
*कालीनाथ राय के संपादकत्व में पत्र ने थोडे समय मे ही बड़ी ख्याति अर्जित कर ली थी।
*जालियांवाला हत्याकांड, मार्शल ला आदि के विरोध में उन्होने निर्भय होकर जो विवरण प्रकाशित किए उससे पुरे देश को वहां रोमंचक स्थिति का परिचय मिला।
*वे राष्ट्रवादी विचरो के व्यक्ति थे।
*गांधीजी के असहयोग आंदोलन का उन्होने समर्थन किया। सभी प्रमुख नेता उनका सम्मान करते थे।
*स्वास्थ्ये विगड़ जाने के कारण 1943 में उन्हे ‘ट्रिब्यून’ छोड़ देना पड़ा।
*9 दिसम्बर, 1945 को कोलकाता में उनका देहांत हो गया।
 
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=|माध्यमिक=माध्यमिक2|पूर्णता=|शोध=}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
<references/>
==बाहरी कड़ियाँ==
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{स्वतन्त्रता सेनानी}}{{पत्रकार}}
{{पत्रकार}}
[[Category:स्वतन्त्रता सेनानी]][[Category:जीवनी साहित्य]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:चरित कोश]][[Category:इतिहास कोश]]  
[[Category:पत्रकार]][[Category:चरित कोश]][[Category:इतिहास कोश]][[Category:राजनीति कोश]]
__INDEX__
__INDEX__
__NOTOC__
__NOTOC__

Latest revision as of 13:56, 8 July 2017

कालीनाथ राय (अंग्रेज़ी: Kalinath Roy) भारत के प्रसिद्ध पत्रकार थे। उनका जन्म 1878 ई. में पूर्वी बंगाल के जैसोर जिले में एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था।

जीवन परिचय

कालीनाथ राय विद्यार्थी जीवन में ही वे पत्रकारिता की ओर आकृष्ट हो गए थे और शिक्षा पूरी करते ही दैनिक पत्र ‘बंगाली’ में काम करने लगे। प्रसिद्ध राष्ट्रवाद नेता सुरेन्द्रनाथ बनर्जी इस पत्र के संपादक थे। 1911 में उन्होंंने ‘बंगाली पत्र’ को छोड़ दिया और लाला लाजपतराय द्वारा स्थापित पत्र ‘पंजाबी’ के संपादक बनकर लाहौर चले गए। 1917 तक इस पत्र में काम करने के बाद वे लाहौर के ही दूसरे पत्र ‘ट्रिब्यून’ के संपादक बन गये इस पत्र का प्रकाशन सुरेन्द्रनाथ बनर्जी की प्रेरणा पर 1881 में सरदार दयाल सिंह मजीठिया ने आरम्भ किया था। कालीनाथ राय के संपादकत्व में पत्र ने थोडे समय मेंं ही बड़ी ख्याति अर्जित कर ली थी। जलियांवाला बाग़, मार्शल ला आदि के विरोध में उन्होंने निर्भय होकर जो विवरण प्रकाशित किए, उससे पूरे देश को वहां रोमांचक स्थिति का परिचय मिला।

राष्ट्रवादी विचारक

  • कालीनाथ राय राष्ट्रवादी विचारोंं के व्यक्ति थे।
  • गांधीजी के असहयोग आंदोलन में कालीनाथ राय ने समर्थन किया था।
  • कालीनाथ राय के विचार इतने सरल थे कि सभी प्रमुख नेता उनका अधिक सम्मान करते थे।
  • कालीनाथ राय का स्वास्थ्य बिगड़ जाने के कारण 1943 में उन्हें ‘ट्रिब्यून’ छोड़ देना पड़ा।

निधन


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख