खुशवंत सिंह
खुशवंत सिंह
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पूरा नाम | खुशवंत सिंह |
जन्म | 2 फ़रवरी, 1915 |
जन्म भूमि | हदाली, पंजाब (अब पाकिस्तान) |
मृत्यु | 20 मार्च, 2014 |
मृत्यु स्थान | नई दिल्ली |
अभिभावक | सोभा सिंह |
पति/पत्नी | कवल मलिक |
संतान | राहुल सिंह और माला |
कर्म भूमि | भारत |
मुख्य रचनाएँ | 'डेल्ही', 'ट्रेन टू पाकिस्तान', 'द कंपनी ऑफ़ वूमन' तथा 'सिक्खों का इतिहास' आदि। |
विद्यालय | 'गवर्नमेंट कॉलेज', लाहौर और 'कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी' |
शिक्षा | क़ानून की डिग्री |
पुरस्कार-उपाधि | 'पद्म भूषण' (1974), 'पद्म विभूषण' (2007) |
प्रसिद्धि | पत्रकार, लेखक, उपन्यासकार, इतिहासकार |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | कुछ वर्षों तक खुशवंत सिंह जी ने भारत के विदेश मंत्रालय में विदेश सेवा के महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वर्ष 1980 से 1986 तक वे राज्य सभा के मनोनीत सदस्य रहे। |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
खुशवंत सिंह (अंग्रेज़ी: Khushwant Singh; जन्म- 2 फ़रवरी, 1915 - मृत्यु: 20 मार्च, 2014) भारत के प्रसिद्ध पत्रकार, लेखक, उपन्यासकार और इतिहासकार थे। एक पत्रकार के रूप में इन्होंने बहुत लोकप्रियता प्राप्त की है। 'भारत सरकार' के 'विदेश मन्त्रालय' में विदेश सेवा के सम्माननीय पद पर भी खुशवंत सिंह जी ने कार्य किया है। वर्ष 2000 में इनको 'वर्ष का ईमानदार व्यक्ति' सम्मान मिला था। 'पद्म भूषण' (1974) और 'पद्म विभूषण' (2007) जैसे अलंकरणों से भी इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। खुशवंत सिंह ने कई अमूल्य रचनाएँ अपने पाठकों को प्रदान की हैं।
जन्म और शिक्षा
खुशवंत सिंह का जन्म 2 फ़रवरी, 1915 ई. में पंजाब के 'हदाली' नामक स्थान (अब पाकिस्तान में) पर हुआ था। खुशवंत सिंह के पिता का नाम सर सोभा सिंह था, जो अपने समय के प्रसिद्ध ठेकेदार थे। उस समय सोभा सिंह को आधी दिल्ली का मालिक कहा जाता था।[1] खुशवंत सिंह जी ने 'गवर्नमेंट कॉलेज', लाहौर और 'कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी' में शिक्षा पाई थी। इसके बाद लंदन से ही क़ानून की डिग्री ली। उसके बाद तक वे लाहौर में वकालत करते रहे।
विवाह
खुशवंत सिंह जी का विवाह कवल मलिक के साथ हुआ। इनके पुत्र का नाम राहुल सिंह और पुत्री का नाम माला है।
पत्रकार
एक पत्रकार के रूप में भी खुशवंत सिंह जी ने अच्छा नाम अर्जित किया और पत्रकारिता में बहुत ख्याति अर्जित की। 1951 में वे आकाशवाणी से संबद्ध थे और 1951 से 1953 तक भारत सरकार के पत्र 'योजना' का संपादन किया। मुंबई से प्रकाशित प्रसिद्ध अंग्रेज़ी साप्ताहिक 'इल्लस्ट्रेटेड वीकली ऑफ़ इंडिया' के और 'न्यू डेल्ही' के संपादक वे 1980 तक थे। 1983 तक दिल्ली के प्रमुख अंग्रेज़ी दैनिक 'हिन्दुस्तान टाइम्स' के संपादक भी वही थे। तभी से वे प्रति सप्ताह एक लोकप्रिय 'कॉलम' लिखते हैं, जो अनेक भाषाओं के दैनिक पत्रों में प्रकाशित होता है।
प्रसिद्ध उपन्यास
खुशवंत सिंह उपन्यासकार, इतिहासकार और राजनीतिक विश्लेषक के रूप में विख्यात हैं। उनके अनेक उपन्यासों में प्रसिद्ध हैं-
- 'डेल्ही'
- 'ट्रेन टु पाकिस्तान'
- 'दि कंपनी ऑफ़ वूमन'
वर्तमान संदर्भों तथा प्राकृतिक वातावरण पर भी उनकी कई रचनाएँ हैं। दो खंडों में प्रकाशित 'सिक्खों का इतिहास' उनकी प्रसिद्ध ऐतिहासिक कृति है। साहित्य के क्षेत्र में पिछले सत्तर वर्ष में खुशवंत सिंह का विविध आयामी योगदान अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।
उच्च पदों पर कार्य
वर्ष 1947 से कुछ वर्षों तक खुशवंत सिंह जी ने भारत के विदेश मंत्रालय में विदेश सेवा के महत्त्वपूर्ण पदोपर कार्य किया। वर्ष 1980 से 1986 तक वे राज्य सभा के मनोनीत सदस्य रहे।
सम्मान तथा पुरस्कार
खुशवंत सिंह को अनेक पुरस्कार मिले हैं-
- वर्ष 2000 में उनको 'वर्ष का ईमानदार व्यक्ति' सम्मान मिला था।
- वर्ष 1974 में राष्ट्रपति ने उन्हें 'पद्म भूषण' के अलंकरण से सम्मानित किया, जो अमृतसर के 'स्वर्ण मंदिर' में केन्द्र सरकार की कार्रवाई के विरोध में उन्होंने 1984 में लौटा दिया था।
- वर्ष 2007 में इन्हें 'पद्म विभूषण' से भी सम्मानित किया गया।
निधन समाचार
- 20 मार्च 2014, गुरुवार
मशहूर लेखक एवं पत्रकार खुशवंत सिंह का निधन
जाने माने पत्रकार और लेखक खुशवंत सिंह का 20 मार्च, 2014 गुरुवार को निधन हो गया। वह 99 वर्ष के थे और उनका जन्म पंजाब (अब पाकिस्तान) में वर्ष 1915 में हुआ था। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके पुत्र और पत्रकार राहुल सिंह के अनुसार उन्होंने सुजान सिंह पार्क स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली। उन्हें सांस लेने में कुछ परेशानी थी। खुशवंत सिंह भारत के प्रसिद्ध पत्रकार, लेखक, उपन्यासकार और इतिहासकार थे। एक पत्रकार, स्तंभकार और एक बेबाक लेखक के रुप में उन्हें अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिली और अनेक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पुस्कारों से सम्मानित भी किया गया। उन्हें पद्मश्री, पद्म विभूषण जैसे सम्मानों से भी सम्मानित किया जा चुका है। खुशवंत सिंह 'योजना', नेशनल हेराल्ड, हिन्दुस्तान टाइम्स और 'दि इलेस्ट्रेटेड विकली ऑफ़ इंडिया' के संपादक रहे थे। इनके अनेक उपन्यासों में सबसे अधिक प्रसिद्ध 'डेल्ही', 'ट्रेन टू पाकिस्तान', 'दि कंपनी ऑफ़ वूमन' हैं। वर्तमान संदर्भों और प्राकृतिक वातावरण पर भी उनकी कई रचनाएं हैं। दो खंडों में प्रकाशित 'सिक्खों का इतिहास' उनकी प्रसिद्ध ऐतिहासिक कृति है। लगभग 70 वर्ष साहित्य के क्षेत्र में खुशवंत सिंह का विविध आयामी योगदान अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। साल 1947 से कुछ सालों तक खुशवंत सिंह जी ने भारत के विदेश मंत्रालय में विदेश सेवा के महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। साल 1980 से 1986 तक वे राज्यसभा के मनोनीत सदस्य रहे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ खुशवंत सिंह, मेरे साक्षात्कार (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 08 फ़रवरी, 2014।
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