हुल्लड़ मुरादाबादी
हुल्लड़ मुरादाबादी
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पूरा नाम | हुल्लड़ मुरादाबादी |
जन्म | 29 मई, 1942 |
जन्म भूमि | गुजरांवाला, अविभाजित भारत (अब पाकिस्तान) |
मृत्यु | 12 जुलाई, 2014 |
मृत्यु स्थान | मुंबई, महाराष्ट्र |
पति/पत्नी | कृष्णा चड्ढा |
संतान | पुत्र- नवनीत हुल्लड़ पुत्रियाँ- सोनिया और मनीषा |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | व्यंग्य |
मुख्य रचनाएँ | 'इतनी ऊंची मत छोड़ो', 'क्या करेगी चांदनी', 'तथाकथित भगवानों के नाम', 'हुल्लड़ के कहकहे', 'हज्जाम की हजामत', 'हुल्लड़ की हरकतें'। |
भाषा | हिन्दी |
पुरस्कार-उपाधि | महाकवि निराला सम्मान, अट्टहास शिखर सम्मान, कलाश्री पुरस्कार, ठिठोली पुरस्कार, काका हाथरसी पुरस्कार, हास्य रत्न पुरस्कार। |
प्रसिद्धि | व्यंग्य कवि |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | बॉलीवुड के 'भारत कुमार' कहे जाने वाले मनोज कुमार के साथ हुल्लड़ मुरादाबादी के काफी नजदीकी रिश्ते रहे। |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
हुल्लड़ मुरादाबादी (अंग्रेज़ी: Hullad Moradabadi, जन्म- 29 मई, 1942; मृत्यु- 12 जुलाई, 2014) भारत के प्रसिद्ध व्यंग्य कवि थे। एक व्यंग्यकार के रूप में उन्होंने बहुत ख्याति पाई। 'इतनी ऊंची मत छोड़ो', 'क्या करेगी चांदनी', 'यह अंदर की बात है' जैसी हास्य कविताओं से भरपूर पुस्तकें लिखने वाले हुल्लड़ मुरादाबादी को 'कलाश्री', 'अट्टहास सम्मान', 'हास्य रत्न सम्मान', 'काका हाथरसी पुरस्कार' जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। भूतपूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा द्वारा उनका राष्ट्रपति भवन में अभिनंदन हुआ था।
परिचय
हुल्लड़ मुरादाबादी का जन्म 29 मई सन 1942 को गुजरांवाला, अविभाजित भारत (अब पाकिस्तान) में हुआ था। बंटवारे के दौरान परिवार के साथ वह मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश आकर बस गए थे। मुरादाबाद में उनका परिवार बुध बाजार में रहता था। बाद में उन्होंने पंचशील कॉलोनी में अपना मकान बनवा लिया। बाद में इस मकान को उन्होंने बेच दिया था और मुंबई में जाकर बस गए।
उनके परिवार में पत्नी कृष्णा चड्ढा, बेटा नवनीत हुल्लड़ और दो बेटियां सोनिया और मनीषा हैं। नवनीत हुल्लड़ युवा हास्य कवियों में शुमार किए जाते हैं।
कविताएँ
हुल्लड़ मुरादाबादी पहले वीर रस की कविताएं लिखा करते थे। बाद में उनका रुझान हास्य कविताओं की ओर हो गया। सन 1962 में उन्होंने ‘सब्र’ नाम से हिंदी कविता साहित्य में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। बाद में वह हुल्लड़ मुरादाबादी के नाम से पहचाने जाने लगे। बॉलीवुड के 'भारत कुमार' कहे जाने वाले मनोज कुमार के साथ उनके काफी नजदीकी रिश्ते रहे।[1]
प्रकाशित कृतियाँ
- त्रिवेणी
- तथाकथित भगवानों के नाम
- हुल्लड़ का हुल्लड़
- इतनी ऊंची मत छोड़ो
- क्या करेगी चांदनी
- यह अंदर की बात है
- हज्जाम की हजामत
- बेस्ट ऑफ़ हुल्लड़ मुरादाबादी
सम्मान
- टीओवाईपी पुरस्कार
- महाकवि निराला सम्मान
- अट्टहास शिखर सम्मान
- कलाश्री पुरस्कार
- ठिठोली पुरस्कार
- काका हाथरसी पुरस्कार
- हास्य रत्न पुरस्कार
मृत्यु
हुल्लड़ मुरादाबादी लम्बे समय तक डायबिटीज और थायराइड संबंधी दिक्कतों से पीड़ित थे। 12 फ़रवरी, 2014 को दिन शनिवार को शाम करीब 4 बजे मुंबई स्थित आवास में दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ मुबंई में हास्य कवि हु्ल्लड़ मुरादाबादी का निधन (हिंदी) bhaskar.com। अभिगमन तिथि: 13 अक्टूबर, 2022।
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