निहाल चन्द वर्मा
निहाल चन्द वर्मा (जन्म- 1886; मृत्यु- 1970) हिन्दी के सुप्रसिद्ध प्रकाशन 'हिन्दी प्रचार पुस्तकालय' के संस्थापक थे। प्रोफ़ेसर त्रिभुवन सिंह ने इन्हें 'अरेवियन नाइट कार' कहा है।
- मूल रूप से अमृतसर, पंजाब के रहने वाले निहाल चन्द वर्मा का जन्म 1886 में हुआ था।
- इनका प्रथम उपन्यास ‘जादू का महल', 1910 में लिखा गया था।[1]
- 'जादू का महल' के अतिरिक्त निहाल चन्द वर्मा की अन्य कृतियाँ इस प्रकार हैं-
- 'मोती का महल'
- 'सोने का महल'
- 'प्रेम का फल'
- 'आनन्द भवन'
- 'डण्डे की करामात'
- 'हीरा रांझा'
- 'सिन्दबाद जहाजी'
- 'बनते बिगड़ते संदर्भ'
- 'तिलस्मी चिराग'
- उपरोक्त कृतियाँ निहाल चन्द जी की प्रमुख कृतियाँ हैं, जो अय्यारी और तिलस्मी हैं।
- 'आदर्श परिवार' तथा 'गुलाब कुमारी' इनके अन्य प्रमुख उपन्यास हैं।
- वर्ष 1970 में निहाल चन्द वर्मा जी का देहावसान हुआ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ काशी के साहित्यकार (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 11 जनवरी, 2014।
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