रमा शंकर व्यास
रमा शंकर व्यास
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पूरा नाम | रमा शंकर व्यास |
जन्म | 31 मार्च, 1860 |
जन्म भूमि | काशी, उत्तर प्रदेश |
मृत्यु | 1916 |
अभिभावक | पिता- पण्डित गौरी प्रसाद |
कर्म भूमि | भारत |
मुख्य रचनाएँ | ‘खगोल दर्पण’, ‘नेपोलियन की जीवनी’, ‘बात की करामात’, 'राय दुर्गा प्रसाद का जीवन चरित्र’ आदि। |
प्रसिद्धि | साहित्यकार |
नागरिकता | भारतीय |
संबंधित लेख | कविवचन सुधा, भारतेन्दु हरिश्चन्द्र |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
रमा शंकर व्यास (जन्म- 31 मार्च, 1860, काशी; मृत्यु- 1916) हिन्दी के उत्कृष्ट लेखकों में गिने जाते थे। काशी (वर्तमान बनारस) में जन्में रमा शंकर व्यास पण्डित गौरी प्रसाद के पुत्र थे।[1]
- राम शंकर व्यास की प्रमुख कृतियाँ इस प्रकार हैं-
- ‘खगोल दर्पण’
- ‘वाक्य पंचाशिका’
- ‘नेपोलियन की जीवनी’
- ‘बात की करामात’
- वेनिस का बाँका’
- ‘चन्द्रास्त
- ‘नूतन पाठ’
- 'राय दुर्गा प्रसाद का जीवन चरित्र’
- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के घनिष्ठ मित्र होने के कारण रमा शंकर व्यास ने कुछ समय तक ‘कविवचन सुधा’ एवं ‘आर्यमित्र’ का सफल सम्पादन भी किया था।
- रमा शंकर व्यास का सन 1916 में स्वर्गवास हुआ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ काशी कथा, साहित्यकार (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 10 जनवरी, 2014।
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