पद्मनारायण राय
पद्मनारायण राय
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पूरा नाम | पद्मनारायण राय |
जन्म | 10 जनवरी, 1908 |
जन्म भूमि | नरसिंहपुर, मध्य प्रदेश |
मृत्यु | 31 जनवरी, 1968 |
मृत्यु स्थान | काशी (वर्तमान बनारस), उत्तर प्रदेश |
कर्म भूमि | भारत |
कर्म-क्षेत्र | निबन्धकार और साहित्यकार |
मुख्य रचनाएँ | शिक्षा का सुधार, वैदिक स्वर, शब्द शक्ति, साहित्य की आत्मा (सभी निबंध) |
भाषा | हिन्दी |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | पद्मनारायण राय ने 'नागरी प्रचारिणी पत्रिका' का कुशल सम्पादन किया था। |
इन्हें भी देखें | कवि सूची, साहित्यकार सूची |
पद्मनारायण राय (अंग्रेज़ी: Padmanarayan Ray, जन्म- 10 जनवरी, 1908, नरसिंहपुर, मध्य प्रदेश; मृत्यु- 31 जनवरी, 1968) हिन्दी के निबन्धकार और साहित्यकार थे। ये काफ़ी लम्बे समय तक 'नागरी प्रचारिणी पत्रिका' के सम्पादक रहे थे।[1]
- मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर में जन्में पद्मनारायण राय ने 'नागरी प्रचारिणी पत्रिका' का कुशल सम्पादन किया था।
- इनके द्वारा लिखे गये प्रमुख निबन्ध इस प्रकार हैं-
- शिक्षा का सुधार
- वैदिक स्वर
- शब्द शक्ति
- साहित्य की आत्मा
- भक्ति भाव की अभिनव मीमांसा
- जयशंकर प्रसाद जी की 'कामायनी' पढ़ाते समय पद्मनारायण राय बहुत तन्मय हो जाते थे।
- 31 जनवरी, 1968 को काशी (वर्तमान बनारस) में इनका निधन हुआ।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ काशी के साहित्यकार (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 13 जनवरी, 2014।
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