सत्यजीवन वर्मा 'भारतीय'
सत्यजीवन वर्मा 'भारतीय' (जन्म- 1898, काशी, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 1973) हिन्दी के जाने-माने साहित्यकारों में से एक थे। वर्ष 1934 में 'हिन्दी लेखक संघ' की स्थापना इन्होंने की थी।[1]
- काशी (वर्तमान बनारस) में जन्में सत्यजीवन वर्मा के पिता जगमोहन वर्मा ‘नागरी प्रचारिणी सभा’ के प्रथम बृहत शब्दकोश के सम्पादन मण्डल के सदस्य थे।
- सन 1934 में सत्यजीवन वर्मा ने 'हिन्दी लेखक संघ' की स्थापना करके इसके मुख्य पत्र ‘लेखक’ का सम्पादन किया।
- 1935 ई. में 'शारदा प्रेस' की स्थापना के द्वारा ‘दुनिया’ नामक मासिक पत्र का सम्पादन किया।
- सत्यजीवन वर्मा जी की प्रकाशित पुस्तको की संख्या 40 के लगभग है, जिसमें प्रमुख हैं-
- ‘बीसलदेव रासो’
- 'सूर रामायण'
- 'नयन'
- 'मुरली माधुरी'
- 'प्रेम पराकाष्ठा'
- 'स्वप्न वासदत्ता'
- 'सोलह कहानियाँ'
- 'पति निर्वाचन'
- 'हिन्दी के विराम चिन्ह'
- 'व्याख्यानत्रयी'
- 'तार के खम्भे'
- 'जानी दुश्मन'
- 'आकाश की झाँकी'
- 'प्रसिद्ध उड़ाके'
- 'एशिया की कहानियाँ'
- 'मनोहर कहानियाँ' (चार भाग)
- 'रुमानियाँ की कहानियाँ'
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ काशी के साहित्यकार (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 12 जनवरी, 2014।
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