वेंकटरामा रामलिंगम पिल्लई
वेंकटरामा रामलिंगम पिल्लई
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पूरा नाम | वेंकटरामा रामलिंगम पिल्लई |
अन्य नाम | नमक्कल कविग्नार |
जन्म | 19 अक्टूबर, 1888 |
जन्म भूमि | नमक्कल, मद्रास प्रेसीडेंसी, आज़ादी पूर्व |
मृत्यु | 24 अगस्त, 1972 |
कर्म भूमि | भारत |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म भूषण, 1971 |
प्रसिद्धि | साहित्यकार, स्वतंत्रता सेनानी |
नागरिकता | भारतीय |
अन्य जानकारी | सन 1930 में वेंकटरामा रामलिंगम पिल्लई ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ नमक सत्याग्रह में भी भाग लिया और एक साल के लिए जेल गए। |
वेंकटरामा रामलिंगम पिल्लई (अंग्रेज़ी: Venkatarama Ramalingam Pillai, जन्म- 19 अक्टूबर, 1888; मृत्यु- 24 अगस्त, 1972) भारतीय साहित्यकार थे जो तमिलनाडु से थे। सन 1971 में भारत सरकार ने उन्हें साहित्य तथा शिक्षा के क्षेत्र में उनके द्वारा दिये गए योगदान हेतु पद्म भूषण से सम्मानित किया था।
- वेंकटरामा रामलिंगम पिल्लई, जिन्हें 'नमक्कल कविग्नार' के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 19 अक्टूबर 1888 को तमिलनाडु के नमक्कल जिले के मोहनूर में वेंकटरामन और अम्मानियाम्माल के घर हुआ था।
- उनके पिता मोहनूर में पुलिस विभाग में कार्यरत थे और उनकी माँ एक धर्मपरायण महिला थीं।
- अपने माता-पिता की वेंकटरामा रामलिंगम पिल्लई आठवीं संतान थे।
- रामलिंगम की स्कूली शिक्षा नमक्कल और कोयंबटूर में हुई।
- उन्होंने सन 1909 में त्रिची के बिशप हेबर कॉलेज से बी.ए. किया।
- शुरुआत में उन्होंने नमक्कल तहसीलदार के कार्यालय में एक लिपिक के रूप में काम किया और बाद में प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक के रूप में काम किया।*वेंकटरामा रामलिंगम पिल्लई ने देशभक्ति की भावना के साथ सैकड़ों कविताएँ लिखीं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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