शबरपा

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search

शबरपा (अंग्रेज़ी: Shabrapa) सिद्ध साहित्य की रचना करने वाले प्रमुख सिद्धों में से एक थे। इनका जन्म 780 ई. में हुआ था।

  • शबरपा क्षत्रिय थे। सरहपा से इन्होंने ज्ञान प्राप्त किया था।
  • ‘चर्यापद’ इनकी प्रसिद्ध पुस्तक है।
  • इनकी कविता का उदाहरण निम्न प्रकार है-

हेरि ये मेरि तइला बाड़ी खसमे समतुला
षुकड़ये सेरे कपासु फ़ुटिला।
तइला वाड़िर पासेर जोहणा वाड़ि ताएला
फ़िटेली अंधारि रे आकासु फ़ुलिआ॥

  • शबरपा ने माया-मोह का विरोध करके सहज जीवन पर बल दिया तथा उसी को महासुख की प्राप्ति का मार्ग बताया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः