लॉर्ड मैकार्टनी: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
*'''लॉर्ड मैकार्टनी''' 1781 ई. में [[मद्रास]] का गवर्नर होकर [[भारत]] आया था। | *'''लॉर्ड मैकार्टनी''' 1781 ई. में [[मद्रास]] का गवर्नर होकर [[भारत]] आया था। | ||
*वह उद्यमी, ईमानदार एवं बहुत ही सज्जन व्यक्ति था। | *वह उद्यमी, [[ईमानदार]] एवं बहुत ही सज्जन व्यक्ति था। | ||
*उसने मद्रास के आन्तरिक प्रशासन में काफ़ी सुधार किया। | *उसने मद्रास के आन्तरिक प्रशासन में काफ़ी सुधार किया। | ||
*वह भारत में शान्ति स्थापना के लिए अत्यधिक उत्सुक था, और उसने 1784 ई. में मंगलूर की सन्धि करके दूसरा [[मैसूर युद्ध]] समाप्त कर दिया। | *वह भारत में शान्ति स्थापना के लिए अत्यधिक उत्सुक था, और उसने 1784 ई. में मंगलूर की सन्धि करके दूसरा [[मैसूर युद्ध]] समाप्त कर दिया। |
Latest revision as of 09:06, 26 November 2011
- लॉर्ड मैकार्टनी 1781 ई. में मद्रास का गवर्नर होकर भारत आया था।
- वह उद्यमी, ईमानदार एवं बहुत ही सज्जन व्यक्ति था।
- उसने मद्रास के आन्तरिक प्रशासन में काफ़ी सुधार किया।
- वह भारत में शान्ति स्थापना के लिए अत्यधिक उत्सुक था, और उसने 1784 ई. में मंगलूर की सन्धि करके दूसरा मैसूर युद्ध समाप्त कर दिया।
- इस सन्धि के द्वारा दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के जीते हुए क्षेत्र और युद्ध-बन्दी वापस लौटा दिये।
- लॉर्ड मैकार्टनी ने 1785 ई. में कर्नाटक में, जिसे नवाब ने कम्पनी को सौंप दिया था, मालगुज़ारी वसूल करने के उपाय के सम्बन्ध में मतभेद हो जाने पर, इस्तीफ़ा दे दिया।
- 1785 ई. में वारेन हेस्टिंग्स के इस्तीफ़ा देने पर गवर्नर-जनरल के पद के लिए उसके नाम पर विचार नहीं किया गया और वह भारत वापस नहीं लौटा।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
भट्टाचार्य, सच्चिदानन्द भारतीय इतिहास कोश, द्वितीय संस्करण-1989 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 383।