नाथद्वार: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
No edit summary |
||
Line 7: | Line 7: | ||
*मंदिर श्रद्धालुओं के लिए [[दिन]] में सात बार खोली जाती है, लेकिन हर बार सिर्फ़ आधे घण्टे के लिए। | *मंदिर श्रद्धालुओं के लिए [[दिन]] में सात बार खोली जाती है, लेकिन हर बार सिर्फ़ आधे घण्टे के लिए। | ||
*यह स्थान पिच्चवाई पेंटिग्स के लिए भी प्रसिद्ध है। | *यह स्थान पिच्चवाई पेंटिग्स के लिए भी प्रसिद्ध है। | ||
{{इन्हेंभीदेखें|नाथद्वार चित्रकला}} | |||
{{प्रचार}} | {{प्रचार}} | ||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति |
Revision as of 05:33, 14 October 2011
नाथद्वार पश्चिमोत्तर भारत के दक्षिणी राजस्थान राज्य में बनास नदी के ठीक दक्षिण में एक हिंदू तीर्थस्थल है। नाथद्वार सड़क द्वारा उदयपुर से जुड़ा है तथा उदयपुर से यहाँ के लिए बसें चलती हैं। नाथद्वार के निकट मालवी रेल जंक्शन स्थित है। नाथद्वार में एक कृषि बाज़ार है तथा यहां राजस्थान विश्वविद्यालय से संबद्ध एक सरकारी महाविद्यालय है।
मंदिर
- नाथद्वार में 17वीं सदी का वैष्णव मंदिर है, जो भारत के सर्वाधिक प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है।
- मंदिर में भगवान कृष्ण की एक प्रख्यात मूर्ति है, जो सामान्यत: 12वीं सदी ई.पू. की मानी जाती है।
- मंदिर में भगवान विष्णु की एक मूर्ति है। यह मूर्ति काले पत्थर की बनी हुई है।
- इस मूर्ति को औरंगज़ेब के कहर से सुरक्षित रखने के लिए 1669 ई. में मथुरा से लाया गया था।
- मंदिर श्रद्धालुओं के लिए दिन में सात बार खोली जाती है, लेकिन हर बार सिर्फ़ आधे घण्टे के लिए।
- यह स्थान पिच्चवाई पेंटिग्स के लिए भी प्रसिद्ध है।
- REDIRECTसाँचा:इन्हें भी देखें
|
|
|
|
|