जूनागढ़ क़िला बीकानेर: Difference between revisions

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*जूनागढ़ क़िले का निर्माण राय सिंह ने 1588 से 1593 के बीच किया था।  
*जूनागढ़ क़िले का निर्माण राय सिंह ने 1588 से 1593 के बीच किया था।  
*सम्राट [[अकबर]] की सेना के एक सेनापति राजा राय सिंह ने इस क़िले को सन् 1593 में निर्मित करवाया था।
*सम्राट [[अकबर]] की सेना के एक सेनापति राजा राय सिंह ने इस क़िले को सन् 1593 में निर्मित करवाया था।
*यह क़िला समुद्र तल से 700 फीट ऊपर है। पर होने के कारण इस क़िले की टावर शहर के किसी भी हिस्‍से से दिखाई दे जाता है।  
*यह क़िला समुद्र तल से 700 फीट ऊपर होने के कारण इस क़िले की टावर शहर के किसी भी हिस्‍से से दिखी जा सकती है।  
*इसमें कई आकर्षक महल हैं, लाल बलुए एवं संगमरमर पत्थर से बने महल प्रांगण, छज्जों, छतरियों व खिड़कियाँ जो सभी इमारतों में फैली हुई है।   
*इसमें कई आकर्षक महल हैं, लाल बलुए एवं संगमरमर पत्थर से बने महल प्रांगण, छज्जों, छतरियों व खिड़कियाँ जो सभी इमारतों में फैली हुई है।   
*इस क़िले के चारों ओर लगभग 986 मीटर लंबी दीवार के साथ 37 सुरक्षा चौकियाँ भी हैं। इसके चारों ओर दो प्रवेश द्वार के साथ क़िले की सुरक्षा के लिए गहरी खाईयों का भी निर्माण किया गया है।  
*इस क़िले के चारों ओर लगभग 986 मीटर लंबी दीवार के साथ 37 सुरक्षा चौकियाँ भी हैं। इसके चारों ओर दो प्रवेश द्वार के साथ क़िले की सुरक्षा के लिए गहरी खाईयों का भी निर्माण किया गया है।  

Revision as of 07:31, 2 December 2011

[[चित्र:Junagarh-Fort-Bikaner.jpg|thumb|जूनागढ़ क़िला, बीकानेर
Junagarh Fort, Bikaner]] जूनागढ़ क़िला राजस्थान राज्य के बीकानेर शहर में स्थित है।

  • जूनागढ़ क़िले का निर्माण राय सिंह ने 1588 से 1593 के बीच किया था।
  • सम्राट अकबर की सेना के एक सेनापति राजा राय सिंह ने इस क़िले को सन् 1593 में निर्मित करवाया था।
  • यह क़िला समुद्र तल से 700 फीट ऊपर होने के कारण इस क़िले की टावर शहर के किसी भी हिस्‍से से दिखी जा सकती है।
  • इसमें कई आकर्षक महल हैं, लाल बलुए एवं संगमरमर पत्थर से बने महल प्रांगण, छज्जों, छतरियों व खिड़कियाँ जो सभी इमारतों में फैली हुई है।
  • इस क़िले के चारों ओर लगभग 986 मीटर लंबी दीवार के साथ 37 सुरक्षा चौकियाँ भी हैं। इसके चारों ओर दो प्रवेश द्वार के साथ क़िले की सुरक्षा के लिए गहरी खाईयों का भी निर्माण किया गया है।
  • क़िले को दो मुख्य दरवाजे हैं, जिसे दौलतपोल और सुराजपोल कहा जाता है। दोलतपोल में सती हुई राजपूत महिलाओं के हाथों की छाप है। क़िले के दूसरे दरवाजे चांद पोल वगैरह है।
  • इस क़िला के अंदर अनेक खुबसूरत महलें भी हैं। इनमें से अनूप महल, दिवान-ए-खास, हवा महल, बादल महल, चंद्र महल, फूल महल, रंग महल, दुंगर महल और गंगा महल आदि प्रमुख हैं।


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