पिथौरागढ़: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 46: Line 46:
#कल्पेश्वर महावेद का मंदिर
#कल्पेश्वर महावेद का मंदिर
#उल्का देवी मंदिर  
#उल्का देवी मंदिर  
#कल्पेश्वर महावद का मंदिर
# थल केदार  
# थल केदार  
थल केदार पिथौरागढ से 20 किमी दूर शिवपूरी नामक स्थान पर प्राकृतिक गुफा है जिसका मुहाना अत्यधिक छोटा है और ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से जाने वाला मोटे से मोटा व्यक्ति भी इसे पार कर जाता है और दुर्भावना रखने वाला व्यक्ति चाहे कितना भी दुबला क्यों न हो इस गुफा के मुहाने में फंस जाता है।
;थल केदार
थल केदार पिथौरागढ से 20 किमी दूर शिवपुरी नामक स्थान पर प्राकृतिक गुफ़ा है जिसका मुहाना अत्यधिक छोटा है और ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से जाने वाला मोटे से मोटा व्यक्ति भी इसे पार कर जाता है और दुर्भावना रखने वाला व्यक्ति चाहे कितना भी दुबला क्यों न हो इस गुफ़ा के मुहाने में फंस जाता है।


{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक2 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}

Revision as of 08:01, 20 September 2012

पिथौरागढ़
विवरण प्रकृति की गोद में बसा उत्तराखण्ड का यह नगर पहाड़ों के बीच रखे कटोरे जैसा है।
राज्य उत्तराखण्ड
ज़िला पिथौरागढ़ ज़िला
मार्ग स्थिति यह शहर सड़क मार्ग द्वारा दिल्ली से 489 कि.मी. तथा टनकपुर से 151 कि.मी. दूरी पर स्थित है।
प्रसिद्धि उल्का देवी मंदिर (सिद्धपीठ)
कैसे पहुँचें किसी भी शहर से बस और टैक्सी द्वारा पहुँचा जा सकता है।
हवाई अड्डा हवाई अड्डा, नैनी सैनी
रेलवे स्टेशन टनकपुर रेलवे स्टेशन
क्या देखें उत्तराखण्ड पर्यटन
क्या ख़रीदें स्थानीय दाल
सावधानी बरसात में भूस्खलन
चित्र:Map-icon.gif गूगल मानचित्र, हवाई अड्डा
अन्य जानकारी पिथौरागढ़ में आप ट्रेकिंग का भी आनन्द ले सकते हैं।

पिथौरागढ़ उत्तराखंड राज्य का एक नगर है। पिथौरागढ़ का प्राचीन नाम सोरघाटी है। पिथौरागढ़ उत्तराखण्ड राज्य के पूर्व में स्थित सीमान्त जनपद है। इसके उत्तर में तिब्बत, पूर्व में नेपाल, दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्व में अल्मोड़ा, एवं उत्तर-पश्चिम में चमोली ज़िले पड़ते हैं। यह नगर समुद्र तल से 1645 मीटर की उंचाई पर स्थित है। पिथौरागढ़ का क्षेत्रफल 2,788 वर्ग मील है, पिथौरागढ़ का अधिकांश भाग पहाड़ी एवं ऊबड़-खाबड़ है। पिथौरागढ़ एक शासन केंद्र भी है।

पिथौरागढ़ का उल्का देवी मंदिर प्रवेश द्वार|thumb|180px|left

पिथौरागढ़ की रात्रिकालीन छटा|thumb|180px|left

इतिहास

कुमाऊँ में चंद्र वंशीय शासन में यह जनपद शक्ति का मुख्य केन्द्र था। कैलाश मानसरोवर की यात्रा का आरंभ इसी जनपद से होता है। यह नगर उनी कपडों और केन के हस्त शिल्प के लिये जाना जाता है। हवाई पट्टी नैनी सैनी टनकपुर कुमांउ मण्डल के जनपद चम्पावत पिथौरागढ और लोहाघाट जाने के लिये अंतिम रेलवे केन्द्र है यहाँ गोरखाओं द्वारा निर्मित 18वी शताब्दी का क़िला जो पिथौरागढ फोर्ट के नाम से जाना जाता है। पहाड़ी भाग होने के कारण पिथौरागढ़ की विशेष उन्नति नहीं हो सकी है।

दर्शनीय स्थल

पिथौरागढ़ और आस पास अनेक इतिहास दर्शनीय स्थल हैं-

  1. कल्पेश्वर महावेद का मंदिर
  2. उल्का देवी मंदिर
  3. थल केदार
थल केदार

थल केदार पिथौरागढ से 20 किमी दूर शिवपुरी नामक स्थान पर प्राकृतिक गुफ़ा है जिसका मुहाना अत्यधिक छोटा है और ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से जाने वाला मोटे से मोटा व्यक्ति भी इसे पार कर जाता है और दुर्भावना रखने वाला व्यक्ति चाहे कितना भी दुबला क्यों न हो इस गुफ़ा के मुहाने में फंस जाता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

“खण्ड 7”, हिन्दी विश्वकोश, 1966 (हिन्दी), भारतडिस्कवरी पुस्तकालय: नागरी प्रचारिणी सभा वाराणसी, 221।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख