भद्रवन: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
m (Text replace - "{{ब्रज के वन2}}" to "{{ब्रज}} {{ब्रज के दर्शनीय स्थल}} {{ब्रज के वन}}") |
||
Line 9: | Line 9: | ||
<br /> | <br /> | ||
==सम्बंधित लिंक== | ==सम्बंधित लिंक== | ||
{{ब्रज के | {{ब्रज}} | ||
{{ब्रज के दर्शनीय स्थल}} | |||
{{ब्रज के वन}} {{ब्रज के वन}} | |||
[[Category:ब्रज के वन]] [[Category:पर्यटन कोश]] | [[Category:ब्रज के वन]] [[Category:पर्यटन कोश]] | ||
[[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] | [[Category:ऐतिहासिक स्थान कोश]] |
Revision as of 10:12, 16 June 2010
हे भद्रस्वरूप भद्रवन! आप सर्वदा सबका कल्याणकारी तथा अमग्ङल नाश करनेवाले हो, आपको पुन: पुन: नमस्कार है। [1] नन्दघाट से दो मील दक्षिण-पूर्व में यमुना के उस पार यह लीलास्थली है। यह श्री कृष्ण और श्री बलराम के गोचारण का स्थान है। श्रीबलभद्र के नामानुसार इस वन का नाम भद्रवन पड़ा है। यहाँ भद्रसरोवर और गोचारण स्थल दर्शनीय हैं।
भद्रसरोवर
हे भद्र सरोवर! हे तीर्थराज! आपको नमस्कार है। आप यज्ञ-स्वरूप हैं तथा अखण्ड राज्यपद को देने वाले हैं। इस सरोवर में स्नान करने वाला व्यक्ति अनन्त वैभव प्राप्त करता है। तथा अन्त में श्रीकृष्ण-बलदेव की प्रेमभक्ति प्राप्तकर कृतार्थ हो जाता है। [2] इस सरोवर में स्नान करने वाला व्यक्ति अनन्त वैभव-सुखभोग कर अन्त में श्रीकृष्ण-श्रीबलदेव की प्रेमभक्ति प्राप्तकर कृतार्थ हो जाता है।
टीका-टिप्पणी
सम्बंधित लिंक