रामचरितमानस प्रथम सोपान (बालकाण्ड): Difference between revisions
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यन्मायावशवर्तिं विश्वमखिलं ब्रह्मादिदेवासुरा | यन्मायावशवर्तिं विश्वमखिलं ब्रह्मादिदेवासुरा | ||
यत्सत्वादमृषैव भाति सकलं रज्जौ यथाहेर्भ्रमः। | यत्सत्वादमृषैव भाति सकलं रज्जौ यथाहेर्भ्रमः। | ||
यत्पादप्लवमेकमेव हि भवाम्भोधेस्तितीर्षावतां | यत्पादप्लवमेकमेव हि भवाम्भोधेस्तितीर्षावतां | ||
वन्देऽहं तमशेषकारणपरं रामाख्यमीशं हरिम्।।6।। | वन्देऽहं तमशेषकारणपरं रामाख्यमीशं हरिम्।।6।। | ||
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Revision as of 09:39, 14 May 2016
रामचरितमानस प्रथम सोपान (बालकाण्ड)
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कवि | गोस्वामी तुलसीदास |
मूल शीर्षक | रामचरितमानस |
मुख्य पात्र | राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण आदि |
प्रकाशक | गीता प्रेस गोरखपुर |
शैली | चौपाई और दोहा |
संबंधित लेख | दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, हनुमान चालीसा |
काण्ड | बालकाण्ड |
वर्णानामर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि। |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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