अनुज जानकी सहित प्रभु: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
प्रभा तिवारी (talk | contribs) ('{{सूचना बक्सा पुस्तक |चित्र=Sri-ramcharitmanas.jpg |चित्र का नाम=रा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया) |
प्रभा तिवारी (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 14: | Line 14: | ||
|देश = | |देश = | ||
|विषय = | |विषय = | ||
|शैली =[[चौपाई]] और [[दोहा]] | |शैली =[[सोरठा]], [[चौपाई]] और [[दोहा]] | ||
|मुखपृष्ठ_रचना = | |मुखपृष्ठ_रचना = | ||
|विधा = | |विधा = |
Latest revision as of 09:52, 18 May 2016
अनुज जानकी सहित प्रभु
| |
कवि | गोस्वामी तुलसीदास |
मूल शीर्षक | रामचरितमानस |
मुख्य पात्र | राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण आदि |
प्रकाशक | गीता प्रेस गोरखपुर |
शैली | सोरठा, चौपाई और दोहा |
संबंधित लेख | दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, हनुमान चालीसा |
काण्ड | अरण्यकाण्ड |
अनुज जानकी सहित प्रभु चाप बान धर राम। |
- भावार्थ
हे प्रभो! हे राम! छोटे भाई लक्ष्मण और सीता सहित धनुष-बाणधारी आप निष्काम (स्थिर) होकर मेरे हृदयरूपी आकाश में चंद्रमा की भाँति सदा निवास कीजिए॥ 11॥
left|30px|link=तुम्हहि नीक लागै रघुराई|पीछे जाएँ | अनुज जानकी सहित प्रभु | right|30px|link=एवमस्तु करि रमानिवासा|आगे जाएँ |
दोहा- मात्रिक अर्द्धसम छंद है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में 13-13 मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में 11-11 मात्राएँ होती हैं।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख