श्रीविल्लीपुत्तूर: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replacement - "पृथक " to "पृथक् ")
 
Line 6: Line 6:
*यहाँ एक मंदिर में [[श्रीराम]], [[लक्ष्मण]], [[जानकी]] की मूर्ति हैं।  
*यहाँ एक मंदिर में [[श्रीराम]], [[लक्ष्मण]], [[जानकी]] की मूर्ति हैं।  
*निज मंदिर में गोदाम्बा के साथ रंगमन्नार ([[विष्णु]]) की मूर्ति है।  
*निज मंदिर में गोदाम्बा के साथ रंगमन्नार ([[विष्णु]]) की मूर्ति है।  
*इस मंदिर से एक मील दूर [[शंकर|शंकरजी]] का प्राचीन मंदिर है। वहाँ रुद्र सरोवर है। मंदिर में ही पृथक [[पार्वती|पार्वतीजी]] का मंदिर है।  
*इस मंदिर से एक मील दूर [[शंकर|शंकरजी]] का प्राचीन मंदिर है। वहाँ रुद्र सरोवर है। मंदिर में ही पृथक् [[पार्वती|पार्वतीजी]] का मंदिर है।  


===अन्य तीर्थ===
===अन्य तीर्थ===

Latest revision as of 13:31, 1 August 2017

श्रीविल्लीपुत्तूर मद्रास (वर्तमान चेन्नई) का ऐतिहासिक स्थान। यह स्थान एक प्राचीन मंदिर के लिए उल्लेखनीय है। इस मंदिर में देवी सरस्वती की मूर्ती को खड़ा हुआ प्रदर्शित किया गया है, जो यहाँ की विशेषता है।[1] विरुध नगर जंकशन से 26 मील पर यह स्टेशन है। स्टेशन से यह नगर डेढ़ मील दूर है।

  • यह श्रीविष्णुचित्ति स्वामी (पेरिल्वार) की जन्म स्थली है।
  • उनकी पुत्री आंडाल (गोदाम्बा) हुईं, जिनको लक्ष्मीजी का अवतार माना जाता है।
  • यहाँ श्रीरंगजी का मंदिर है। दीवारों पर देवताओं तथा भगवल्लीला के सुंदर चित्र बने हैं।
  • यहाँ एक मंदिर में श्रीराम, लक्ष्मण, जानकी की मूर्ति हैं।
  • निज मंदिर में गोदाम्बा के साथ रंगमन्नार (विष्णु) की मूर्ति है।
  • इस मंदिर से एक मील दूर शंकरजी का प्राचीन मंदिर है। वहाँ रुद्र सरोवर है। मंदिर में ही पृथक् पार्वतीजी का मंदिर है।

अन्य तीर्थ

  1. श्रीवेंकटेश्वर मंदिर— यहाँ से 3 मील पश्चिमोत्तर श्रीवेंकटेश्वर पहाड़ी पर मंदिर है।
  2. शंकर नायनार कोइल— विल्लिपुत्तूर से 27 मील पर यह स्टेशन है। स्टेशन से आधे मील पर शंकर नारायण मंदिर है। इसमें एक मूर्ति में आधा भाग शिव का आधा नारायण का है। इसके एक ओर शिव तथा दूसरी ओर नारायण मूर्ति है।
  3. स्वयं प्रभातीर्थ— शंकरनारायण कोइल से 13 मील पर कडयनल्लूर स्टेशन है। वहाँ से आधे मील पर श्रीराम मंदिर है। यहाँ एक हनुमानजी की विशाल मूर्ति है। समीप में सरोवर है। उसके पास पर्वत में 60 फुट लम्बी गुफा है। कहा जाता है कि सीतान्वेषण के समय प्यास से व्याकुल वानर यहीं आये थे। इसी गुफा में उन्होंने तपस्विनी स्वयं प्रभा को देखा था[2]



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 924 |
  2. हिन्दूओं के तीर्थ स्थान |लेखक: सुदर्शन सिंह 'चक्र' |पृष्ठ संख्या: 146 |

संबंधित लेख