टीका (वैक्सीन): Difference between revisions
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'''टीका''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Vaccine'') किसी जीव के शरीर का उपयोग करके बनाया गया द्रव्य है, जिसके प्रयोग से शरीर में किसी रोग विशेष से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है। ये शरीर के 'इम्यून सिस्टम' यानी प्रतिरक्षा प्रणाली को संक्रमण (आक्रमणकारी वायरस) की पहचान करने के लिए प्रेरित करते हैं और उनके ख़िलाफ़ शरीर में एंटीबॉडी बनाते हैं जो बाहरी हमले से लड़ने में हमारे शरीर की मदद करती हैं। | '''टीका''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Vaccine'') किसी जीव के शरीर का उपयोग करके बनाया गया द्रव्य है, जिसके प्रयोग से शरीर में किसी रोग विशेष से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है। ये शरीर के 'इम्यून सिस्टम' यानी प्रतिरक्षा प्रणाली को संक्रमण (आक्रमणकारी वायरस) की पहचान करने के लिए प्रेरित करते हैं और उनके ख़िलाफ़ शरीर में एंटीबॉडी बनाते हैं जो बाहरी हमले से लड़ने में हमारे शरीर की मदद करती हैं। |
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चित्र:Disamb2.jpg टीका | एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- टीका (बहुविकल्पी) |
टीका (अंग्रेज़ी: Vaccine) किसी जीव के शरीर का उपयोग करके बनाया गया द्रव्य है, जिसके प्रयोग से शरीर में किसी रोग विशेष से लड़ने की क्षमता बढ़ जाती है। ये शरीर के 'इम्यून सिस्टम' यानी प्रतिरक्षा प्रणाली को संक्रमण (आक्रमणकारी वायरस) की पहचान करने के लिए प्रेरित करते हैं और उनके ख़िलाफ़ शरीर में एंटीबॉडी बनाते हैं जो बाहरी हमले से लड़ने में हमारे शरीर की मदद करती हैं।
टीका (वैक्सीन) लगने का नकारात्मक असर कम ही लोगों पर होता है, लेकिन कुछ लोगों को इसके साइड इफ़ेक्ट्स का सामना करना पड़ सकता है। हल्का बुख़ार या ख़ारिश होना, इससे सामान्य दुष्प्रभाव हैं। वैक्सीन लगने के कुछ वक़्त बाद ही व्यक्ति उस बीमारी से लड़ने की इम्यूनिटी विकसित कर लेते हैं। अमेरिका के सेंटर ऑफ़ डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) का कहना है कि वैक्सीन बहुत ज़्यादा शक्तिशाली होती हैं क्योंकि ये अधिकांश दवाओं के विपरीत, किसी बीमारी का इलाज नहीं करतीं, बल्कि उन्हें होने से रोकती हैं।[1]
कितनी सुरक्षित
टीके का एक प्रारंभिक रूप चीन के वैज्ञानिकों ने 10वीं शताब्दी में खोज लिया था। लेकिन 1796 में एडवर्ड जेनर ने पाया कि चेचक के हल्के संक्रमण की एक डोज़ चेचक के गंभीर संक्रमण से सुरक्षा दे रही है। उन्होंने इस पर और अध्ययन किया। उन्होंने अपने इस सिद्धांत का परीक्षण भी किया और उनके निष्कर्षों को दो साल बाद प्रकाशित किया गया। तभी 'वैक्सीन' शब्द की उत्पत्ति हुई। वैक्सीन को लैटिन भाषा के 'Vacca' से गढ़ा गया जिसका अर्थ 'गाय' होता है।
वैक्सीन को आधुनिक दुनिया की सबसे बड़ी चिकित्सकीय उपलब्धियों में से एक माना जाता है। 'विश्व स्वास्थ्य संगठन' के अनुसार, वैक्सीन की वजह से हर साल क़रीब बीस से तीस लाख लोगों की जान बच पाती है। बाज़ार में लाये जाने से पहले वैक्सीन की गंभीरता से जाँच की जाती है। पहले प्रयोगशालाओं में और फिर जानवरों पर इनका परीक्षण किया जाता है। उसके बाद ही मनुष्यों पर वैक्सीन का ट्रायल होता है। अधिकांश देशों में स्थानीय दवा नियामकों से अनुमति मिलने के बाद ही लोगों को वैक्सीन (टीका) लगाई जाती हैं।
टीकाकरण
टीकाकरण में कुछ जोखिम ज़रूर हैं, लेकिन सभी दवाओं की ही तरह, इसके फ़ायदों के सामने वो कुछ भी नहीं। उदाहरण के लिए, बचपन की कुछ बीमारियाँ जो एक पीढ़ी पहले तक बहुत सामान्य थीं, वैक्सीन के कारण तेज़ी से लुप्त हो गई हैं। चेचक जिसने लाखों लोगों की जान ली, वो अब पूरी तरह ख़त्म हो गयी है। लेकिन सफ़लता प्राप्त करने में अक्सर दशकों लग जाते हैं। वैश्विक टीकाकरण अभियान शुरू होने के लगभग 30 साल बाद अफ़्रीका को अकेला पोलियो मुक्त देश घोषित किया गया। यह बहुत लंबा समय है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि कोविड-19 के ख़िलाफ़ पूरी दुनिया में पर्याप्त टीकाकरण करने में महीनों या संभवतः वर्षों का समय लग सकता है, जिसके बाद ही हम सामान्य स्थिति में लौट सकेंगे।[1]
कैसे बनाया जाता है?
जब एक नया रोगजनक (पैथोजन) जैसे कि एक जीवाणु, विषाणु, परजीवी या फ़ंगस शरीर में प्रवेश करता है तो शरीर का एक उप-भाग जिसे एंटीजन कहा जाता है, वो उससे लड़ने के लिए एंटीबॉडी का उत्पादन शुरू कर देता है। एक वैक्सीन में किसी जीव के कुछ कमज़ोर या निष्क्रिय अंश होते हैं जो बीमारी का कारण बनते हैं। ये शरीर के 'इम्यून सिस्टम' यानी प्रतिरक्षा प्रणाली को संक्रमण (आक्रमणकारी वायरस) की पहचान करने के लिए प्रेरित करते हैं और उनके ख़िलाफ़ शरीर में एंटीबॉडी बनाते हैं जो बाहरी हमले से लड़ने में हमारे शरीर की मदद करती हैं। पारंपरिक टीके शरीर के बाहरी हमले से लड़ने की क्षमता को विकसित कर देते हैं। लेकिन टीके विकसित करने के लिए अब नये तरीक़े भी इस्तेमाल किये जा रहे हैं। कोरोना की कुछ वैक्सीन बनाने में भी इन नये तरीक़ों को आज़माया गया है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ 1.0 1.1 कोरोना वैक्सीन, वो सारी बातें जो आपको जाननी चाहिए (हिंदी) bbc.com। अभिगमन तिथि: 13 मार्च, 2020।