प्रयोग:अश्वनी1: Difference between revisions
(पन्ने को खाली किया) |
No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
{| width="100%" | |||
| | |||
{{हमारी आपकी}} | |||
|- | |||
| | |||
{| width="51%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5" | |||
|- | |||
{{आज का दिन}} | |||
|- | |||
{{विशेष आलेख}} | |||
|- | |||
{{एक पर्यटन स्थल}} | |||
|- | |||
{{सूक्ति और कहावत}} | |||
|- | |||
{{सामान्य ज्ञान}} | |||
|} | |||
{| width="49%" align="right" cellpadding="1" cellspacing="5" | |||
|- | |||
{{भारत कोश हलचल}} | |||
|- | |||
{{समाचार-चयनिका}} | |||
|- | |||
{{एक व्यक्तित्व}} | |||
|- | |||
{{मुख्य चयनित चित्र}} | |||
|} | |||
|- | |||
| | |||
{{प्रचार}} | |||
|- | |||
| | |||
{{कोश}} | |||
|} | |||
[[Category:भारत_कोश_लेख]]__INDEX__ __NOTOC__ __NOEDITSECTION__ |
Revision as of 07:29, 4 February 2011
सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी
| ||||||||
आज का दिन - 7 July 2025 (भारतीय समयानुसार)100px|link=भारतकोश:कॅलण्डर|right भारतकोश:कलैण्डर/7 July यदि दिनांक सूचना सही नहीं दिख रही हो तो कॅश मेमोरी समाप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें
एक आलेखright|150px|link=संसद भवन|border संसद भवन नई दिल्ली में स्थित सर्वाधिक भव्य भवनों में से एक है, जहाँ विश्व में किसी भी देश में मौजूद वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूनों की उज्ज्वल छवि मिलती है। राजधानी में आने वाले भ्रमणार्थी इस भवन को देखने ज़रूर आते हैं जैसा कि संसद के दोनों सभाएं लोक सभा और राज्य सभा इसी भवन के अहाते में स्थित हैं। संसद भवन संपदा के अंतर्गत संसद भवन, स्वागत कार्यालय भवन, संसदीय ज्ञानपीठ (संसद ग्रंथालय भवन) संसदीय सौध और इसके आस-पास के विस्तृत लॉन, जहां फ़व्वारे वाले तालाब हैं, शामिल हैं। संसद भवन की अभिकल्पना दो मशहूर वास्तुकारों - सर एडविन लुटय़न्स और सर हर्बर्ट बेकर ने तैयार की थी जो नई दिल्ली की आयोजना और निर्माण के लिए उत्तरदायी थे। संसद भवन की आधारशिला 12 फ़रवरी, 1921 को महामहिम द डय़ूक ऑफ कनाट ने रखी थी । इस भवन के निर्माण में छह वर्ष लगे और इसका उद्घाटन समारोह भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इर्विन ने 18 जनवरी, 1927 को आयोजित किया। इसके निर्माण पर 83 लाख रुपये की लागत आई। ... और पढ़ें
एक पर्यटन स्थलright|डल झील|120px|link=डल झील|border डल झील का प्रमुख आकर्षण केन्द्र तैरते हुए बग़ीचे हैं। पौराणिक मुग़ल किलों में यहाँ की संस्कृति तथा इतिहास के दर्शन होते हैं। डल झील के पास ही मुग़लों के सुंदर एवं प्रसिद्ध पुष्प वाटिका से डल झील की आकृति और उभरकर सामने आती है। कश्मीर के प्रसिद्ध विश्वविद्यालय झील के तट पर स्थित है। शिकारे के माध्यम से सैलानी नेहरू पार्क, कानुटुर खाना, चारचीनारी, कुछ द्वीप जो यहाँ पर स्थित हैं, उन्हें देख सकते हैं। श्रद्घालुओं के लिए हज़रतबल तीर्थस्थल के दर्शन करे बिना उनकी यात्रा अधूरी रह जाती है। शिकारे के माध्यम से श्रद्धालु इस तीर्थस्थल के दर्शन कर सकते हैं। दुनिया भर में यह झील विशेष रूप से शिकारों या हाऊस बोट के लिए जानी जाती है। डल झील के आस-पास की प्राकृतिक सुंदरता अधिक संख्या में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। ... और पढ़ें
| ||||||||
|
80px|link=श्रेणी:सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी |
भारतकोश हलचल
समाचार
एक व्यक्तित्व
right|90px|link=राहुल सांकृत्यायन|border
महापण्डित राहुल सांकृत्यायन को हिन्दी यात्रा साहित्य का जनक माना जाता है। वे एक प्रतिष्ठित बहुभाषाविद थे और 20वीं सदी के पूर्वार्द्ध में उन्होंने यात्रा वृतांत तथा विश्व-दर्शन के क्षेत्र में साहित्यिक योगदान किए। बौद्ध धर्म पर उनका शोध हिन्दी साहित्य में युगान्तरकारी माना जाता है, जिसके लिए उन्होंने तिब्बत से लेकर श्रीलंका तक भ्रमण किया था। बौद्ध धर्म की ओर जब झुकाव हुआ तो पाली, प्राकृत, अपभ्रंश, तिब्बती, चीनी, जापानी, एवं सिंहली भाषाओं की जानकारी लेते हुए सम्पूर्ण बौद्ध ग्रन्थों का मनन किया और सर्वश्रेष्ठ उपाधि 'त्रिपिटिका चार्य' की पदवी पायी। साम्यवाद के क्रोड़ में जब राहुल जी गये तो कार्ल मार्क्स, लेनिन तथा स्तालिन के दर्शन से पूर्ण परिचय हुआ। प्रकारान्तर से राहुल जी इतिहास, पुरातत्त्व, स्थापत्य, भाषाशास्त्र एवं राजनीति शास्त्र के अच्छे ज्ञाता थे। ... और पढ़ें
पिछले लेख → | पण्डित ओंकारनाथ ठाकुर | जे. आर. डी. टाटा | आर. के. लक्ष्मण |
चयनित चित्र
<script async src="//pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js"></script> <script> (adsbygoogle = window.adsbygoogle || []).push({}); </script>
वर्णमाला क्रमानुसार पन्ने की खोज कर सकते हैं
|