सेब: Difference between revisions
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - " रोज " to " रोज़ ") |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==") |
||
Line 24: | Line 24: | ||
|शोध= | |शोध= | ||
}} | }} | ||
{{संदर्भ ग्रंथ}} | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
Revision as of 10:42, 21 March 2011
thumb|250px|सेब
Apple
सेब भारत में पाया जाने वाला एक फल है। सेब का रंग लाल या हरा होता है। सेब का लेटिन नाम मेलस सिलवेस्ट्रिस है। सेब में 'मैलिक एसिड’ होता है। मैलिक एसिड खट्टा होता है और यह खटाई आँतों, यकृत और मस्तिष्क के लिये उपयोगी है। सेब रेशे (फाइबर) वाला फल है। अंग्रेज़ी में कहा गया है, एन एपल ए डे, कीप्स द डॉक्टर अवे अर्थात् एक सेब रोज़ खाओ और डॉक्टर को दूर भगाओ। यह उक्ति बहुत पुरानी है और अनेक परीक्षणों से इसकी पुष्टि हुई है।
भारत में सेब
सेब भारत के हिमाचल, अरुणाचल प्रदेश, नैनीताल आदि पहाड़ी क्षेत्रों पर पैदा होता हैं।
वैज्ञानिक अध्ययन
वैज्ञानिक अध्ययन के अनुसार लाल रंग के सेब में सेब की अन्य प्रजातियों की अपेक्षा अधिक एंटी-ऑक्सीडेंट होते हैं, जो मनुष्य को कैंसर, हृदय रोगों और मधुमेह, दिमागी तथा याददाश्त संबंधी समस्याओं में फ़ायदा पहुँचाते हैं। लाल सेब में एंटी-ऑक्सीडेंट उपस्थित होता है यह दिमाग की कोशिकाओं को स्वस्थ रखते हैं ,जिससे पार्किंसन और अल्जाइमर जैसे दिमागी रोगों से बचाव होता है। विशेषज्ञों के अनुसार एक सेब रोज़ खाने से पाचन क्रिया ठीक रहती है, जिससे अनेक रोगों से सुरक्षा रहती है।[1]
पौष्टिक तत्व
क्लोरिन, तांबा, फासफोरस, लोहा, मैगनीशियम, मॅन्गनीज तथा फोलिक ऐसिड सेब में पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। सेब और इसका रस विटामिन एवं खनिज पदार्थों से भरपूर है। इसमें प्रोटीन और विटामिन की संतुलित मात्रा होती है, लेकिन कैलॉरी कम होती है जिससे यह ह्वदय को स्वस्थ रखने में सहायक है।
सेब के फ़ायदे
- पके हुई सेब का रस एक गिलास निकाल कर मिश्री मिलाकर प्रातः पीते रहने से पुरानी खांसी ठीक हो जाती है।
- आंत्रज्वर में इसका रस बहुत लाभदायक है।
- सेब का मुरब्बा 15-20 दिन लगातार खाने से हृदय की दुर्बलता, दिल बैठना ठीक हो जाता है।
सुझाव
सेब के छिलके में पोषक तत्त्व भरपूर होते हैं इसलिए जहाँ तक संभव हो इसे छिलके समेत खाना सेहत के लिए अच्छा होता है। ताज़े फलों का रस स्वादिष्ट होता है। सेब चबाकर खाना मसूड़ों के लिए हितकारक है। सेब का मुरब्बा और चटनियाँ भी स्वादिष्ट और स्वास्थ्यकर होते हैं।[2]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ रोज़ खाएं सेब (हिन्दी) पत्रिका। अभिगमन तिथि: 22 अगस्त, 2010।
- ↑ फलों का फलित (हिन्दी) (एच.टी.एम) अभिव्यक्ति। अभिगमन तिथि: 22 अगस्त, 2010।
संबंधित लेख