छत्रपति शिवाजी टर्मिनस: Difference between revisions

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[[चित्र:Chhatrapati-Shivaji-Terminus.jpg|thumb|250px|छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, मुम्बई
Chhatrapati Shivaji Terminus, Mumbai]]

  • महाराष्ट्र के शहर मुंबई में कई पर्यटन स्थल है जिनमें से एक छत्रपति शिवाजी टर्मिनस है।
  • छत्रपति शिवाजी टर्मिनस को पहले विक्‍टोरिया टर्मिनस के नाम से जाना जाता था।
  • छत्रपति शिवाजी टर्मिनस अपने लघु नाम वी.टी., या सी.एस.टी. से अधिक प्रचलित है।
  • यह भारत की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई का एक ऐतिहासिक रेलवे-स्टेशन है, जो मध्य रेलवे, भारत का मुख्यालय भी है।
  • यह भारत के व्यस्ततम स्टेशनों में से एक है।
  • आंकड़ों के अनुसार यह स्टेशन ताजमहल के बाद भारत का सर्वाधिक छायाचित्रित स्मारक है।
  • 2 जुलाई, 2004 को इस स्टेशन को युनेस्को की विश्व धरोहर समिति द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया।

इतिहास

छत्रपति शिवाजी टर्मिनस भारतीय पारम्‍परिक वास्‍तुकला से ली गई विषय वस्‍तुओं के मिश्रण व भारत में विक्‍टोरियन गोथिक पुन: जीवित वास्‍तुकला का एक उत्‍कृष्‍ट उदाहरण है। यह टर्मिनस इन दोनों संस्‍कृतियों के बीच प्रभावों के महत्‍वपूर्ण आपसी बदलाव को दर्शाता है। इस स्टेशन की अभिकल्पना फ्रेडरिक विलियम स्टीवन्स, वास्तु सलाहकार ने 1878-1888, में 16.14 लाख रुपयों की राशि पर की थी। इस टर्मिनस का निर्माण 1878 में आरंभ करते हुए 10 वर्षों में किया गया। इसे शासक सम्राज्ञी महारानी विक्टोरिया के नाम पर विक्टोरिया टर्मिनस कहा गया। यह मुम्‍बई में एक गोथिक शहर के रूप में पहचाना जाने लगा। सन 1996 में, शिव सेना की मांग पर, तथा नामों को भारतीय नामों से बदलने की नीति के अनुसार, इस स्टेशन का नाम, राज्य सरकार द्वारा सत्रहवीं शताब्दी के मराठा शूरवीर शासक छत्रपति शिवाजी के नाम पर छत्रपति शिवाजी टर्मिनस बदला गया। फिर भी वी.टी. नाम आज भी लोगों के मुंह पर चढ़ा हुआ है। 2 जुलाई, 2004 को इस स्टेशन को युनेस्को की विश्व धरोहर समिति द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया। [[चित्र:Mumbai-Chhatrapati-Shivaji-Terminus.jpg|thumb|250px|left|छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, मुम्बई
Chhatrapati Shivaji Terminus, Mumbai]]

शैली

इस स्टेशन की इमारत विक्टोरियन गोथिक शैली में बनी है। इस इमारत में विक्टोरियाई इतालवी गोथिक शैली एवं परंपरागत भारतीय स्थापत्य कला का संगम झलकता है। इसके अंदरूनी भागों में लकड़ी की नक़्क़ाशी की हुई टाइलें, लौह एवं पीतल की अलंकृत मुंडेरें व जालियां हैं। यह स्टेशन अपनी उन्नत संरचना व तकनीकी विशेषताओं के साथ, उन्नीसवीं शताब्दी के रेलवे स्थापत्य कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण हैं। छत्रपति शिवाजी टर्मिनस में पत्‍थर के गुम्‍बद, कंगूरे, नोकदार आर्च और संकेन्द्रित भूमि योजना पारम्‍परिक भारतीय महलों की वास्‍तुकला के नज़दीक है। यह प्रसिद्ध टर्मिनल ब्रिटिश राष्‍ट्र मंडल में 19 वीं शताब्‍दी के अंत की ओर रेलवे वास्‍तुकला की सुंदरता को भी दर्शाता है। यह मुम्‍बई के लोगों का एक अविभाज्‍य अंग है, क्‍योंकि यह स्टेशन उप शहरी और लंबी दूरी रेलों का स्‍टेशन है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (हिन्दी) भारत का राष्ट्रीय पोर्टल। अभिगमन तिथि: 18 अक्टूबर, 2010

बाहरी कड़ियाँ

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