कावेरी नदी: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
m (Adding category Category:तमिलनाडु की नदियाँ (को हटा दिया गया हैं।))
No edit summary
Line 1: Line 1:
[[चित्र:Kaveri-River.jpg|thumb|250px|कावेरी नदी <br /> Kaveri River]]
[[चित्र:Kaveri-River.jpg|thumb|250px|कावेरी नदी <br /> Kaveri River]]
*दक्षिण की [[गंगा]] कहलाने वाली कावेरी का वर्णन कई [[पुराण|पुराणों]] में बार-बार आता है ।
दक्षिण की [[गंगा]] कहलाने वाली कावेरी का वर्णन कई [[पुराण|पुराणों]] में बार-बार आता है। कावेरी को बहुत पवित्र नदी माना गया है।  
*कावेरी को बहुत पवित्र नदी माना गया है।  
*कवि त्यागराज ने इसका वर्णन अपनी कविताओं में कई जगह किया है।  
*कवि त्यागराज ने इसका वर्णन अपनी कविताओं में कई जगह किया है।  
*भक्तगण इसे अपनी मां के समान मानते हैं ।
*भक्तगण इसे अपनी मां के समान मानते हैं।
*इसके उद्गमस्थल कावेरी कुंड में हर साल देवी कावेरी का जन्मोत्सव मनाया जाता है ।
*इसके उद्गमस्थल कावेरी कुंड में हर साल देवी कावेरी का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
*दक्षिण की प्रमुख नदी कावेरी का विस्तृत विवरण [[विष्णु पुराण]] में दिया गया है ।
*दक्षिण की प्रमुख नदी कावेरी का विस्तृत विवरण [[विष्णु पुराण]] में दिया गया है।
*यह सह्याद्रि पर्वत के दक्षिणी छोर से निकल कर दक्षिण-पूर्व की दिशा में [[कर्नाटक]] और [[तमिलनाडु]] से बहती हुई लगभग 800 किमी मार्ग तय कर कावेरीपट्टनम के पास [[बंगाल की खाड़ी]] में मिल जाती है ।    
*यह सह्याद्रि पर्वत के दक्षिणी छोर से निकल कर दक्षिण-पूर्व की दिशा में [[कर्नाटक]] और [[तमिलनाडु]] से बहती हुई लगभग 800 किमी मार्ग तय कर कावेरीपट्टनम के पास [[बंगाल की खाड़ी]] में मिल जाती है।    
*कावेरी नदी में मिलने के वाली मुख्य नदियों में हरंगी, हेमवती, नोयिल, अमरावती, सिमसा , लक्ष्मणतीर्थ, भवानी , काबिनी मुख्य हैं ।
*कावेरी नदी में मिलने के वाली मुख्य नदियों में हरंगी, हेमवती, नोयिल, अमरावती, सिमसा , लक्ष्मणतीर्थ, भवानी, काबिनी मुख्य हैं।
*कावेरी नदी के तट पर अनेक प्राचीन तीर्थ तथा ऐतिहासिक नगर बसे हैं ।
*कावेरी नदी के तट पर अनेक प्राचीन तीर्थ तथा ऐतिहासिक नगर बसे हैं।
*कावेरी नदी तीन स्थानों पर दो शाखाओं में बंट कर फिर एक हो जाती है, जिससे तीन द्वीप बन गए हैं, उन द्वीपों पर क्रमश: आदिरंगम , शिवसमुद्रम तथा [[श्रीरंगम]] नाम से श्री [[विष्णु]] भगवान के भव्य मंदिर हैं।  
*कावेरी नदी तीन स्थानों पर दो शाखाओं में बंट कर फिर एक हो जाती है, जिससे तीन द्वीप बन गए हैं, उन द्वीपों पर क्रमश: आदिरंगम, शिवसमुद्रम तथा [[श्रीरंगम]] नाम से श्री [[विष्णु]] भगवान के भव्य मंदिर हैं।  
*महान शैव तीर्थ चिदम्बरम तथा जंबुकेश्वरम भी श्रीरंगम के पास स्थित हैं ।
*यहाँ स्थित शिवसमुद्रम जल प्रपात प्रसिद्ध स्थल है। यह [[मैसूर]] नगर से क़रीब 56 कि.मी. उत्तर-पूरब में कावेरी के दोआब में बसा है। यहाँ पर कावेरी का जल, पहाड़ की बनावट के कारण, विशाल झील की तरह दिखाई देता है। इसी झील से थोड़ी दूर आगे माता कावेरी तीन सौ अस्सी फुट की ऊंचाई से जल-प्रपात के रुप में गिरती है।
*इनके अतिरिक्त प्राचीन तथा गौरवमय तीर्थ नगर [[तंजौर]] , [[कुंभकोणम]] तथा [[त्रिचिरापल्ली]] इसी पवित्र नदी के तट पर स्थित हैं, जिनसे कावेरी की महत्ता बढ़ गई है ।
*महान शैव तीर्थ चिदम्बरम तथा जंबुकेश्वरम भी श्रीरंगम के पास स्थित हैं। इनके अतिरिक्त प्राचीन तथा गौरवमय तीर्थ नगर [[तंजौर]] , [[कुंभकोणम]] तथा [[त्रिचिरापल्ली]] इसी पवित्र नदी के तट पर स्थित हैं, जिनसे कावेरी की महत्ता बढ़ गई है।
*[[मैसूर]] के पास कृष्णराज सागर पर दर्शनीय ‘[[वृंदावन गार्डन]]’ इसी नदी के किनारे पर निर्मित है।  
*[[मैसूर]] के पास कृष्णराज सागर पर दर्शनीय ‘[[वृंदावन गार्डन]]’ इसी नदी के किनारे पर निर्मित है।  
==संबंधित लेख==
==संबंधित लेख==
{{भारत की नदियाँ}}
{{भारत की नदियाँ}}
[[Category:भारत_की_नदियाँ]]
[[Category:भारत_की_नदियाँ]]
[[Category:भूगोल_कोश]]
[[Category:भूगोल_कोश]]

Revision as of 06:31, 12 February 2012

thumb|250px|कावेरी नदी
Kaveri River
दक्षिण की गंगा कहलाने वाली कावेरी का वर्णन कई पुराणों में बार-बार आता है। कावेरी को बहुत पवित्र नदी माना गया है।

  • कवि त्यागराज ने इसका वर्णन अपनी कविताओं में कई जगह किया है।
  • भक्तगण इसे अपनी मां के समान मानते हैं।
  • इसके उद्गमस्थल कावेरी कुंड में हर साल देवी कावेरी का जन्मोत्सव मनाया जाता है।
  • दक्षिण की प्रमुख नदी कावेरी का विस्तृत विवरण विष्णु पुराण में दिया गया है।
  • यह सह्याद्रि पर्वत के दक्षिणी छोर से निकल कर दक्षिण-पूर्व की दिशा में कर्नाटक और तमिलनाडु से बहती हुई लगभग 800 किमी मार्ग तय कर कावेरीपट्टनम के पास बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
  • कावेरी नदी में मिलने के वाली मुख्य नदियों में हरंगी, हेमवती, नोयिल, अमरावती, सिमसा , लक्ष्मणतीर्थ, भवानी, काबिनी मुख्य हैं।
  • कावेरी नदी के तट पर अनेक प्राचीन तीर्थ तथा ऐतिहासिक नगर बसे हैं।
  • कावेरी नदी तीन स्थानों पर दो शाखाओं में बंट कर फिर एक हो जाती है, जिससे तीन द्वीप बन गए हैं, उन द्वीपों पर क्रमश: आदिरंगम, शिवसमुद्रम तथा श्रीरंगम नाम से श्री विष्णु भगवान के भव्य मंदिर हैं।
  • यहाँ स्थित शिवसमुद्रम जल प्रपात प्रसिद्ध स्थल है। यह मैसूर नगर से क़रीब 56 कि.मी. उत्तर-पूरब में कावेरी के दोआब में बसा है। यहाँ पर कावेरी का जल, पहाड़ की बनावट के कारण, विशाल झील की तरह दिखाई देता है। इसी झील से थोड़ी दूर आगे माता कावेरी तीन सौ अस्सी फुट की ऊंचाई से जल-प्रपात के रुप में गिरती है।
  • महान शैव तीर्थ चिदम्बरम तथा जंबुकेश्वरम भी श्रीरंगम के पास स्थित हैं। इनके अतिरिक्त प्राचीन तथा गौरवमय तीर्थ नगर तंजौर , कुंभकोणम तथा त्रिचिरापल्ली इसी पवित्र नदी के तट पर स्थित हैं, जिनसे कावेरी की महत्ता बढ़ गई है।
  • मैसूर के पास कृष्णराज सागर पर दर्शनीय ‘वृंदावन गार्डन’ इसी नदी के किनारे पर निर्मित है।

संबंधित लेख