जैमिनीयार्षेय ब्राह्मण: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
m (Text replace - "{{ब्राह्मण साहित्य}}" to "==सम्बंधित लिंक== {{ब्राह्मण साहित्य2}} {{ब्राह्मण साहित्य}}")
Line 3: Line 3:
[[Category:पौराणिक कोश]] [[Category:दर्शन कोश]]
[[Category:पौराणिक कोश]] [[Category:दर्शन कोश]]
[[Category:ब्राह्मण_ग्रन्थ]]
[[Category:ब्राह्मण_ग्रन्थ]]
==सम्बंधित लिंक==
{{ब्राह्मण साहित्य2}}
{{ब्राह्मण साहित्य}}
{{ब्राह्मण साहित्य}}
__INDEX__
__INDEX__

Revision as of 14:32, 2 June 2010

जैमिनीयार्षेय ब्राह्मण जैमिनीयोपनिषद ब्राह्मण के साथ डॉ॰ बी॰ आर॰ शर्मा के द्वारा सम्पादित होकर तिरुपति से 1967 में प्रकाशित हुआ है। कौथुमशाखीय आर्षेय ब्राह्मण के सदृश इसके आरम्भ में भी, प्रथम दो वाक्य छोड़कर स्वाध्याय तथा यज्ञ की दृष्टि से ॠषि, छन्द और देवता के ज्ञान पर बल दिया गया है। कौथुमशाखीय आर्षेय ब्राह्मण के आरम्भ में अथ खल्वयमार्षप्रदेश: भवति मिलता है, जो इसमें अनुल्लिखित है। वर्ण्य-विषय दोनों का समान है। ग्रामगेयगानों के ॠषि-निरूपण में अध्यायों और खण्डों की व्यवस्था और विन्यास भी प्राय: समान है। कहीं-कहीं दोनों शाखाओं की संहिताओं में उपलब्ध अन्तर के कारण गानों के क्रम में भिन्नता है। कौथुमशाखीय आर्षेय ब्राह्मण में वैकल्पिक नाम भी दिये गये हैं, जबकि इसमें वे अनुपलब्ध हैं। इस प्रकार कौथुम की अपेक्षा यह कुछ संक्षिप्त-सा है।

विस्तार में देखें:- जैमिनिशाखीय ब्राह्मण

सम्बंधित लिंक