झुंझुनू: Difference between revisions
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==पर्यटन स्थल== | |||
झुंझुनू में कमरुद्दीनशाह की दरगाह का विशाल और विहंगम परिसर देखने लायक है। वहीं पर बना मनसा माता का मन्दिर भी दर्शनीय है। इन दोनों स्थानों से शहर का नयनाभिराम दृश्य बहुत आकर्षक लगता है। इशावार्दास मोदी की हवेली में भित्ति चित्रों की भव्यता के साथ-साथ सैकड़ों झरोखों की चित्ताकर्षक छटा भी दर्शनीय है। शहर में बना खेतड़ी महल एक प्रकार का हवामहल है तो मेदत्नी बावड़ी और बदलगढ़ भी नज़रों में कैद हो जाने वाले स्थल हैं। | |||
समस तालाब, चंचल्नाथ टीला, जोरावार्गढ़, बिहारी जी का मन्दिर, बंधे का बालाजी, रानी सटी मन्दिर, खेमी शक्ति मन्दिर, लक्ष्मीनाथ जी का मन्दिर, दादाबाड़ी, अरविन्द आश्रम, मोडा पहाड़, खेतान बावड़ी, शेखावत शासकों की छतरियाँ, तीब्देवालों की हवेलियाँ, नवाब रुहेल ख़ान का मक़बरा, जामा मस्जिद तथा झुंझुनू के निकट आबूसर में नव स्थापित शिल्पग्राम व ग्रामीण हाट जैसे अनेक अन्य दर्शनीय स्थल भी झुंझुनू में हैं। पर्यटकों के आवागमन में हो रही वृद्धि के कारण गत एक दशक में यहाँ होटल व्यवसाय भी काफ़ी बढ़ा है। सीकर, चुरू और झुंझुनू, ये तीनों ज़िले राजस्थान में पर्यटन के विकास के लिए प्रयत्नशील हैं। | |||
==अन्य जगहों से सम्पर्क== | |||
[[हिन्दू]] और [[मुस्लिम]] लोगों के अधीन रहा झुंझुनू शहर राजस्थान में सांप्रदायिक सद्भाव की दृष्टि से एक विशिष्ट स्थान रखता है। [[दिल्ली]], [[जयपुर]], [[बीकानेर]], [[जोधपुर]], [[अलवर]], [[सीकर]], [[चुरू ज़िला|चुरू]], नारनौल, [[रेवाड़ी ज़िला|रेवाड़ी]] व अन्य स्थानों से सीधा जुड़ा हुआ यह शहर भित्ति चित्रों, स्मारकों, धार्मिक स्थलों और तालाबों आदि की विविधताओं का दर्शन कराने वाला अनूठा शहर है। | |||
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Revision as of 06:19, 25 December 2012
झुंझुनू शेखावाटी, राजस्थान का सबसे बड़ा शहर और ज़िला मुख्यालय है। यह शहर जुझारसिंह नेहरा के नाम पर सन 1730 में बसाया गया था। यह जयपुर से 180 कि.मी. तथा दिल्ली से 245 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। कायमखानी नवाबों ने पंद्रहवीं शताब्दी में इस शहर की स्थापना की थी। झुंझुनू में आने वाले पर्यटकों के रहने की अच्छी व्यवस्था है तथा शेखावाटी प्रदेश देखने के लिये यह एक आदर्श स्थान है।
पर्यटन स्थल
झुंझुनू में कमरुद्दीनशाह की दरगाह का विशाल और विहंगम परिसर देखने लायक है। वहीं पर बना मनसा माता का मन्दिर भी दर्शनीय है। इन दोनों स्थानों से शहर का नयनाभिराम दृश्य बहुत आकर्षक लगता है। इशावार्दास मोदी की हवेली में भित्ति चित्रों की भव्यता के साथ-साथ सैकड़ों झरोखों की चित्ताकर्षक छटा भी दर्शनीय है। शहर में बना खेतड़ी महल एक प्रकार का हवामहल है तो मेदत्नी बावड़ी और बदलगढ़ भी नज़रों में कैद हो जाने वाले स्थल हैं।
समस तालाब, चंचल्नाथ टीला, जोरावार्गढ़, बिहारी जी का मन्दिर, बंधे का बालाजी, रानी सटी मन्दिर, खेमी शक्ति मन्दिर, लक्ष्मीनाथ जी का मन्दिर, दादाबाड़ी, अरविन्द आश्रम, मोडा पहाड़, खेतान बावड़ी, शेखावत शासकों की छतरियाँ, तीब्देवालों की हवेलियाँ, नवाब रुहेल ख़ान का मक़बरा, जामा मस्जिद तथा झुंझुनू के निकट आबूसर में नव स्थापित शिल्पग्राम व ग्रामीण हाट जैसे अनेक अन्य दर्शनीय स्थल भी झुंझुनू में हैं। पर्यटकों के आवागमन में हो रही वृद्धि के कारण गत एक दशक में यहाँ होटल व्यवसाय भी काफ़ी बढ़ा है। सीकर, चुरू और झुंझुनू, ये तीनों ज़िले राजस्थान में पर्यटन के विकास के लिए प्रयत्नशील हैं।
अन्य जगहों से सम्पर्क
हिन्दू और मुस्लिम लोगों के अधीन रहा झुंझुनू शहर राजस्थान में सांप्रदायिक सद्भाव की दृष्टि से एक विशिष्ट स्थान रखता है। दिल्ली, जयपुर, बीकानेर, जोधपुर, अलवर, सीकर, चुरू, नारनौल, रेवाड़ी व अन्य स्थानों से सीधा जुड़ा हुआ यह शहर भित्ति चित्रों, स्मारकों, धार्मिक स्थलों और तालाबों आदि की विविधताओं का दर्शन कराने वाला अनूठा शहर है।
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