जिगनी: Difference between revisions
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*1703 ई. में इन्होंने बदौरा को जीतकर जिगनी में मिला लिया। इसके पश्चात अनेक | *1703 ई. में इन्होंने बदौरा को जीतकर जिगनी में मिला लिया। इसके पश्चात अनेक राजनीतिक उलट-फेरों के कारण इस रियासत में काफ़ी कांट-छांट हुई। | ||
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Revision as of 12:25, 2 September 2013
जिगनी बुंदेलखंड, मध्य प्रदेश में अंग्रेज़ शासन काल तक एक छोटी-सी रियासत थी। इसके संस्थापक बुंदेला नरेश महाराज छत्रसाल के पुत्र पदुमसिंह थे।[1]
- पदुमसिंह को अपने पिता की ओर से कोई जागीर नहीं मिली थी, किंतु इनके सौभाग्य से इन्हें इनके मामा ने अपने यहाँ जिगनी की जागीर पर बुला लिया, जिसके फलस्वरूप उनकी मृत्यु के पश्चात पदुमसिंह ही इस जागीर के स्वामी बने।
- 1703 ई. में इन्होंने बदौरा को जीतकर जिगनी में मिला लिया। इसके पश्चात अनेक राजनीतिक उलट-फेरों के कारण इस रियासत में काफ़ी कांट-छांट हुई।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 366 |