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| <quiz display=simple> | | <quiz display=simple> |
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| {निम्नलिखित में से कौन-सा एक देवनृत्य है?
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| -[[कथकली]]
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| -[[मोहनी अट्टम नृत्य|मोहनी अट्टम]]
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| +[[कुचिपुड़ि नृत्य]]
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| -[[भांगड़ा]]
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| ||[[चित्र:Kuchipudi-Dance.jpg|कुची पुडी नृत्य, आंध्र प्रदेश|100px|right]] कुचीपुडी नृत्य का सबसे अधिक लोकप्रिय रूप मटका नृत्य है जिसमें एक नर्तकी मटके में पानी भर कर और उसे अपने सिर पर रखकर पीतल की थाली में पैर जमा कर नृत्य करती है। वह पीतल की थाली पर नियंत्रण रखते हुए पूरे मंच पर नृत्य करती है और इस पूरे संचलन के दौरान श्रोताओं को चकित कर देने के लिए उसके मटके से पानी की एक बूंद भी नहीं गिरती है।{{point}} अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[कुचिपुड़ि नृत्य]]
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| {कीर्तन परम्परा का जन्मदाता किसे कहा जाता है?
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| -[[मीराबाई]]
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| -[[सूरदास]]
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| +[[चैतन्य महाप्रभु]]
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| -[[संत ज्ञानेश्वर]]
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| ||[[चित्र:Chetanya-Mahaprabhu.jpg|चैतन्य महाप्रभु|100px|right||]] चैतन्य महाप्रभु भगवान [[श्रीकृष्ण]] के प्रति इनकी अनन्य निष्ठा व विश्वास के कारण इनके असंख्य अनुयायी हो गए। सर्वप्रथम नित्यानंद प्रभु व अद्वैताचार्य महाराज इनके शिष्य बने। इन दोनों ने निमाई के [[भक्ति आंदोलन]] को तीव्र गति प्रदान की। निमाई ने अपने इन दोनों शिष्यों के सहयोग से [[ढोल|ढोलक]], [[मृदंग]], [[झांझ|झाँझ]], [[मंझीरा|मंजीरे]] आदि वाद्य यंत्र बजाकर व उच्च स्वर में नाच-गाकर हरि नाम संकीर्तन करना प्रारंभ किया। 'हरे-कृष्ण, हरे-कृष्ण, कृष्ण-कृष्ण, हरे-हरे। हरे-राम, हरे-राम, राम-राम, हरे-हरे` नामक अठारह शब्दीय कीर्तन महामन्त्र निमाई की ही देन है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[चैतन्य महाप्रभु]]
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| {किस वैदिक ग्रंथ में जादू-टोनों का वर्णन मिलता है?
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| -[[ऋग्वेद]]
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| -[[यजुर्वेद]]
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| -[[सामवेद]]
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| +[[अथर्ववेद]]
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| ||[[चित्र:Atharvaveda.jpg|अथर्ववेद|100px|right]]अथर्ववेद में कुल 20 काण्ड, 730 सूक्त एवं 5987 मंत्र हैं। जादू से सम्बन्धित मन्त्र-तन्त्र, राक्षस, पिशाच, आदि भयानक शक्तियाँ अथर्ववेद के महत्त्वपूर्ण विषय हैं। इसमें भूत-प्रेत, जादू-टोने आदि के मन्त्र हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[अथर्ववेद]]
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| {[[जैन साहित्य]] को क्या कहा जाता है?
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| +[[आगम]]
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| -पिटक
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| -[[कल्प]]
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| -सुत्त
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| ||भगवान [[महावीर]] के उपदेश [[जैन|जैन धर्म]] के मूल सिद्धान्त हैं, जिन्हें 'आगम' कहा जाता है। वे अर्धमागधी [[प्राकृत]] भाषा में हैं। उन्हें आचारांगादि बारह 'अंगों' में संकलित किया गया, जो 'द्वादशंग आगम' कहे जाते हैं।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[आगम]]
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| {निम्नलिखित में से किस त्योहार पर [[सूर्य]] की पूजा जाती है?
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| -बुद्ध पूर्णिमा
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| -[[होली]]
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| +[[छठ पूजा]]
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| -[[दीपावली]]
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| || [[चित्र:Chhath-Puja.jpg|100px|right|छठ पूजा]] [[दीपावली]] के एक सप्ताह पश्चात् [[बिहार]] में छठ का पर्व मनाया जाता है। एक दिन व रात तक समूचा बिहार व पूर्वी [[उत्तर प्रदेश]] [[गंगा]] के तट पर बसा प्रतीत होता है। इस दिन [[सूर्यदेव]] की उपासना व उन्हें अर्ध्य दिया जाता है। {{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[छठ पूजा]]
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| {[[दिल्ली]] स्थित [[लोटस टैंपल]] किस धर्म से सम्बन्धित है? | | {[[दिल्ली]] स्थित [[लोटस टैंपल]] किस धर्म से सम्बन्धित है? |
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