वरदा नदी: Difference between revisions
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*[[महाराष्ट्र]] का प्राचीन [[जयंती क्षेत्र]]<ref>वर्तमान वनोशिला ग्राम</ref> वरदा नदी के तट पर ही स्थित है। | *[[महाराष्ट्र]] का प्राचीन [[जयंती क्षेत्र]]<ref>वर्तमान वनोशिला ग्राम</ref> वरदा नदी के तट पर ही स्थित है। | ||
*[[मुग़ल]] [[अकबर|सम्राट अकबर]] के समकालीन [[अबुल फज़ल]] ने '[[आइना-ए-अकबरी]]' में [[विदर्भ]] का नाम ' | *[[मुग़ल]] [[अकबर|सम्राट अकबर]] के समकालीन [[अबुल फज़ल]] ने '[[आइना-ए-अकबरी]]' में [[विदर्भ]] का नाम 'वरदा' लिखा है। संभवतः वरदा नदी (वर्धा) के निकट स्थित होने के कारण ही [[मुग़ल काल]] में विदर्भ का यह नाम प्रचलित हो गया था। | ||
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Revision as of 13:04, 17 October 2014
वरदा नदी महाराष्ट्र में वर्धा के निकट बहने वाली एक नदी है। इसका उल्लेख महाभारत, वनपर्व[1]में भी हुआ है-
'वरदासंगमे स्नात्वा गोसहस्रफलं लभेत्।'
- इतिहास प्रसिद्ध 'देवगाँव की संधि' के अनुसार बरार के भोंसला राजा ने अंग्रेज़ों को कटक का प्रान्त दे दिया था, जिसमें बालासौर के अलावा वरदा नदी के पश्चिम तक का समस्त भाग शामिल था।
- महाराष्ट्र का प्राचीन जयंती क्षेत्र[2] वरदा नदी के तट पर ही स्थित है।
- मुग़ल सम्राट अकबर के समकालीन अबुल फज़ल ने 'आइना-ए-अकबरी' में विदर्भ का नाम 'वरदा' लिखा है। संभवतः वरदा नदी (वर्धा) के निकट स्थित होने के कारण ही मुग़ल काल में विदर्भ का यह नाम प्रचलित हो गया था।
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