राम राम कहि तनु तजहिं: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('{{सूचना बक्सा पुस्तक |चित्र=Sri-ramcharitmanas.jpg |चित्र का नाम=रा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
No edit summary
Line 41: Line 41:




{{लेख क्रम4| पिछला=महि परत उठि भट भिरत|मुख्य शीर्षक=रामचरितमानस |अगला=राम राम कहि तनु तजहिं}}
{{लेख क्रम4| पिछला=महि परत उठि भट भिरत|मुख्य शीर्षक=रामचरितमानस |अगला=हरषित बरषहिं सुमन सुर}}





Revision as of 06:29, 20 May 2016

राम राम कहि तनु तजहिं
कवि गोस्वामी तुलसीदास
मूल शीर्षक रामचरितमानस
मुख्य पात्र राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण आदि
प्रकाशक गीता प्रेस गोरखपुर
शैली सोरठा, चौपाई छंद और दोहा
संबंधित लेख दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, हनुमान चालीसा
काण्ड अरण्यकाण्ड
दोहा

राम राम कहि तनु तजहिं पावहिं पद निर्बान।
करि उपाय रिपु मारे छन महुँ कृपानिधान॥20 क॥

भावार्थ

सब ('यही राम है, इसे मारो' इस प्रकार) राम-राम कहकर शरीर छोड़ते हैं और निर्वाण (मोक्ष) पद पाते हैं। कृपानिधान राम ने यह उपाय करके क्षण भर में शत्रुओं को मार डाला॥ 20(क)॥



left|30px|link=महि परत उठि भट भिरत|पीछे जाएँ राम राम कहि तनु तजहिं right|30px|link=हरषित बरषहिं सुमन सुर|आगे जाएँ


दोहा- मात्रिक अर्द्धसम छंद है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में 13-13 मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में 11-11 मात्राएँ होती हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख