हरषित बरषहिं सुमन सुर: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
('{{सूचना बक्सा पुस्तक |चित्र=Sri-ramcharitmanas.jpg |चित्र का नाम=रा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
 
m (Text replacement - "चौपाई छंद" to "चौपाई, छंद")
 
Line 14: Line 14:
|देश =  
|देश =  
|विषय =  
|विषय =  
|शैली =[[सोरठा]], [[चौपाई]] [[छंद]] और [[दोहा]]
|शैली =[[सोरठा]], [[चौपाई]], [[छंद]] और [[दोहा]]
|मुखपृष्ठ_रचना =  
|मुखपृष्ठ_रचना =  
|विधा =  
|विधा =  

Latest revision as of 08:22, 24 May 2016

हरषित बरषहिं सुमन सुर
कवि गोस्वामी तुलसीदास
मूल शीर्षक रामचरितमानस
मुख्य पात्र राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण आदि
प्रकाशक गीता प्रेस गोरखपुर
शैली सोरठा, चौपाई, छंद और दोहा
संबंधित लेख दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, हनुमान चालीसा
काण्ड अरण्यकाण्ड
दोहा

हरषित बरषहिं सुमन सुर बाजहिं गगन निसान।
अस्तुति करि करि सब चले सोभित बिबिध बिमान॥ 20(ख)॥

भावार्थ

देवता हर्षित होकर फूल बरसाते हैं, आकाश में नगाड़े बज रहे हैं। फिर वे सब स्तुति कर-करके अनेकों विमानों पर सुशोभित हुए चले गए॥ 20(ख)॥



left|30px|link=राम राम कहि तनु तजहिं|पीछे जाएँ हरषित बरषहिं सुमन सुर right|30px|link=जब रघुनाथ समर रिपु जीते|आगे जाएँ


दोहा- मात्रिक अर्द्धसम छंद है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में 13-13 मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में 11-11 मात्राएँ होती हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख