हेमाद्रि: Difference between revisions
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*हेमाद्रिपंत ने बहुत-सी धार्मिक पुस्तकें लिखीं, जिनमें 'चतुर्वर्ग चिंतामणि' प्रमुख है, जिसमें हज़ारों व्रतों और उनके करने के विधान का वर्णन है। | |||
*चिकित्सा के सम्बन्ध में भी उन्होंने 'आयुर्वेद रहस्यं' नामक पुस्तक लिखी थी, जिसमें हज़ारो बीमारियों और उनके निदान के बारे में लिखा गया है। | |||
*एक ऐतिहासिक पुस्तक की रचना भी हेमाद्रिपंत ने की थी, जिसका नाम 'हेमाद्पंती बखर' है। | |||
*प्रशासन और राजकीय कार्यों में एकरूपता लाने के लिए भी हेमाद्रि ने एक पुस्तक लिखी, जिसमें राज-काज के दैनिक कार्यों की प्रक्रिया को विस्तार से निश्चित किया गया है। | |||
*हेमाद्रिपंत ने महाराष्ट्र में [[महालक्ष्मी]] के पूजन को प्रोत्साहित किया और इसे वैभवशाली बनाने में भी बहुत योगदान दिया। | |||
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Latest revision as of 12:53, 10 November 2016
हेमाद्रि देवगिरि के यादव राजा महादेव (1259-1271 ई.) एवं राजा रामचन्द्र (1271-1309 ई.) के प्रधानमंत्री थे। वे एक कुशल प्रशासक, वास्तुकार, कवि और आध्यात्मविद थे। उनके प्रधानमंत्रीत्व काल में यादव कुल की ख्याति अपने चरमोत्कर्ष पर थी।
- हेमाद्रि को 'हेमाद्रिपंत' के नाम से भी जाना जाता है। तेरहवी शताब्दी में कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ के एक छोटे से ग्राम हेमाद्री के स्मार्त ऋग्वेदी, वत्स गोत्री, शाकालशक्शी कर्हाड़े ब्राह्मण परिवार में जन्मे हेमाद्रिपंत को उनके पिता कामदेओ बहुत छोटी उम्र में महाराष्ट्र ले आये थे।
- हेमाद्रिपंत ने बहुत-सी धार्मिक पुस्तकें लिखीं, जिनमें 'चतुर्वर्ग चिंतामणि' प्रमुख है, जिसमें हज़ारों व्रतों और उनके करने के विधान का वर्णन है।
- चिकित्सा के सम्बन्ध में भी उन्होंने 'आयुर्वेद रहस्यं' नामक पुस्तक लिखी थी, जिसमें हज़ारो बीमारियों और उनके निदान के बारे में लिखा गया है।
- एक ऐतिहासिक पुस्तक की रचना भी हेमाद्रिपंत ने की थी, जिसका नाम 'हेमाद्पंती बखर' है।
- प्रशासन और राजकीय कार्यों में एकरूपता लाने के लिए भी हेमाद्रि ने एक पुस्तक लिखी, जिसमें राज-काज के दैनिक कार्यों की प्रक्रिया को विस्तार से निश्चित किया गया है।
- हेमाद्रिपंत ने महाराष्ट्र में महालक्ष्मी के पूजन को प्रोत्साहित किया और इसे वैभवशाली बनाने में भी बहुत योगदान दिया।
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