कपिला नदी: Difference between revisions
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#[[काठियावाड़]], ([[गुजरात]]) [[सौराष्ट्र]] के पश्चिमी भाग सोरठ की एक नदी जो गिरनार पर्वत श्रेणी से निकल कर, [[हिरण्या नदी|हिरण्या]] साथ [[प्राची नदी|प्राची]]-[[सरस्वती नदी|सरस्वती]] से मिलकर पश्चिम समुद्र में गिरती है। वह प्रभासपाटन के पूर्व की ओर बहती है। | #[[काठियावाड़]], ([[गुजरात]]) [[सौराष्ट्र]] के पश्चिमी भाग सोरठ की एक नदी जो गिरनार पर्वत श्रेणी से निकल कर, [[हिरण्या नदी|हिरण्या]] साथ [[प्राची नदी|प्राची]]-[[सरस्वती नदी|सरस्वती]] से मिलकर पश्चिम समुद्र में गिरती है। वह प्रभासपाटन के पूर्व की ओर बहती है। | ||
#कपिला नदी [[नर्मदा नदी|नर्मदा]] की प्रारंभिक धारा है। यह अकरकंटक से निस्मृत होती है। | #कपिला नदी [[नर्मदा नदी|नर्मदा]] की प्रारंभिक धारा है। यह अकरकंटक से निस्मृत होती है। | ||
#कपिला नदी [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] की सहायक नदी है जो पंचवटी, [[नासिक]] के निकट से डेढ़ मील दूर गोदावरी में मिल जाती है। संगम पर महर्षि [[गौतम]] की तप:स्थली बताई जाती है। यहीं महर्षि [[कपिल]] का आश्रम भी था। किंवदंती है कि [[शूर्पणखा]] से [[राम]]-[[लक्ष्मण]] और [[सीता]] की भेंट इसी स्थान पर हुई थी। | #कपिला नदी [[गोदावरी नदी|गोदावरी]] की सहायक नदी है जो पंचवटी, [[नासिक]] के निकट से डेढ़ मील दूर गोदावरी में मिल जाती है। संगम पर महर्षि [[गौतम]] की तप:स्थली बताई जाती है। यहीं महर्षि [[कपिल मुनि|कपिल]] का आश्रम भी था। किंवदंती है कि [[शूर्पणखा]] से [[राम]]-[[लक्ष्मण]] और [[सीता]] की भेंट इसी स्थान पर हुई थी। | ||
#कपिला नदी [[मैसूर]] में [[कावेरी नदी|कावेरी]] की सहायक नदी है। कपिला-कावेरी संगम पर तिरुमकुल नरसीपुर नामक तीर्थ है। यहाँ गुंजानृसिंह का मंदिर है। | #कपिला नदी [[मैसूर]] में [[कावेरी नदी|कावेरी]] की सहायक नदी है। कपिला-कावेरी संगम पर तिरुमकुल नरसीपुर नामक तीर्थ है। यहाँ गुंजानृसिंह का मंदिर है। | ||
Revision as of 18:58, 2 September 2010
कपिला नदी के उद्गम का उल्लेख कई जगह आता है। एक ही नाम की अलग-अलग जगह पर कई नदियाँ है जो इस प्रकार है:-
- काठियावाड़, (गुजरात) सौराष्ट्र के पश्चिमी भाग सोरठ की एक नदी जो गिरनार पर्वत श्रेणी से निकल कर, हिरण्या साथ प्राची-सरस्वती से मिलकर पश्चिम समुद्र में गिरती है। वह प्रभासपाटन के पूर्व की ओर बहती है।
- कपिला नदी नर्मदा की प्रारंभिक धारा है। यह अकरकंटक से निस्मृत होती है।
- कपिला नदी गोदावरी की सहायक नदी है जो पंचवटी, नासिक के निकट से डेढ़ मील दूर गोदावरी में मिल जाती है। संगम पर महर्षि गौतम की तप:स्थली बताई जाती है। यहीं महर्षि कपिल का आश्रम भी था। किंवदंती है कि शूर्पणखा से राम-लक्ष्मण और सीता की भेंट इसी स्थान पर हुई थी।
- कपिला नदी मैसूर में कावेरी की सहायक नदी है। कपिला-कावेरी संगम पर तिरुमकुल नरसीपुर नामक तीर्थ है। यहाँ गुंजानृसिंह का मंदिर है।