अस कौतुक करि राम: Difference between revisions

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ऐसा चमत्कार करके [[राम]] का [[बाण अस्त्र|बाण]] (वापस) आकर (फिर) तरकस में जा घुसा। यह महान् रस-भंग (रंग में भंग) देखकर [[रावण]] की सारी सभा भयभीत हो गई॥ 13(ख)॥





Latest revision as of 14:14, 30 June 2017

अस कौतुक करि राम
कवि गोस्वामी तुलसीदास
मूल शीर्षक 'रामचरितमानस'
मुख्य पात्र राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण आदि।
प्रकाशक गीता प्रेस गोरखपुर
शैली दोहा, चौपाई और सोरठा
संबंधित लेख दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, हनुमान चालीसा
काण्ड लंकाकाण्ड
दोहा

अस कौतुक करि राम सर प्रबिसेउ आइ निषंग।
रावन सभा ससंक सब देखि महा रसभंग॥ 13 (ख)॥

भावार्थ

ऐसा चमत्कार करके राम का बाण (वापस) आकर (फिर) तरकस में जा घुसा। यह महान् रस-भंग (रंग में भंग) देखकर रावण की सारी सभा भयभीत हो गई॥ 13(ख)॥



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दोहा- मात्रिक अर्द्धसम छंद है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में 13-13 मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में 11-11 मात्राएँ होती हैं।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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