अनन्तकीर्ति: Difference between revisions
Jump to navigation
Jump to search
[unchecked revision] | [unchecked revision] |
No edit summary |
व्यवस्थापन (talk | contribs) m (Text replace - "==सम्बंधित लिंक==" to "==संबंधित लेख==") |
||
Line 4: | Line 4: | ||
*इनकी एक रचना 'स्वत: प्रामाण्यभंग' भी है, जो अनुपलब्ध है। | *इनकी एक रचना 'स्वत: प्रामाण्यभंग' भी है, जो अनुपलब्ध है। | ||
*इसका उल्लेख अनन्तवीर्य (प्रथम) ने किया है। | *इसका उल्लेख अनन्तवीर्य (प्रथम) ने किया है। | ||
== | ==संबंधित लेख== | ||
{{जैन धर्म2}} | {{जैन धर्म2}} | ||
{{जैन धर्म}} | {{जैन धर्म}} |
Revision as of 13:07, 14 September 2010
- इनका समय विक्रम सम्वत् 9वीं शती है।
- इन्होंने 'बृहत्सर्वज्ञसिद्धि' और 'लघुसर्वज्ञसिद्धि' ये दो तर्कग्रन्थ रचे हैं और दोनों ही महत्त्वपूर्ण हैं।
- इन दोनों विद्वत्तापूर्ण रचनाओं से आचार्य अनन्तकीर्ति का पाण्डित्य एवं तर्कशैली अनुपमेय प्रतीत होती है।
- इनकी एक रचना 'स्वत: प्रामाण्यभंग' भी है, जो अनुपलब्ध है।
- इसका उल्लेख अनन्तवीर्य (प्रथम) ने किया है।