अयन

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 08:03, 21 March 2011 by व्यवस्थापन (talk | contribs) (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==")
Jump to navigation Jump to search
  • 'अयन' का अर्थ होता है चलना।
  • पूरे वर्ष में सूर्य गतिमान रहता है, सूर्य की अवस्था से ही ॠतुओं का निर्धारण होता है।
  • हिन्दू धर्म में अयन 'समय प्रणाली' है जिससे ॠतुओं का ज्ञान होता है।
  • क्रांति वृत के प्रथम अंश का विभाजन उत्तर और दक्षिण गोल के मध्यवर्ती धुर्वों के द्वारा माना गया है। यह विभाजन "उत्तरायन" और "दक्षिणायन" कहलाता है।
  • एक वर्ष दो अयन के बराबर होता है और एक अयन देवता का एक दिन होता है. 360 अयन देवता का एक वर्ष बन जाता है।
  • सूर्य की स्थिति के अनुसार वर्ष के आधे भाग को अयन कहते हैं। अयन दो होते हैं-
  1. उत्तरायन - सूर्य के उत्तर दिशा में अयन अर्थात गमन को उत्तरायन कहा जाता है।
  2. दक्षिणायन - सूर्य के दक्षिण दिशा में अयन अर्थात गमन को दक्षिणायन कहा जाता है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध


टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः