इष्टिकापुर
चित्र:Icon-edit.gif | इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
हिन्दी के प्रसिद्ध कवि देव की लिखी श्रृंगार-विलासिनी नामक पुस्तक[1] के अनुसार वे इष्टिकापुर-वासी थे- देवदत्त कविरिष्टिकापुर वासी सचकार। इष्टकापुर इटावा का संस्कृत रूपांतर जान पड़ता है। किंवदंती है कि ब्रजभाषा के एक अन्य प्रसिद्ध कवि घनानन्द भी जो दिल्ली के मुग़ल बादशाह मुहम्मदशाह रंगीले के समकालीन थे- इटावे के ही निवासी थे।
{{#icon: Redirect-01.gif|ध्यान दें}} अधिक जानकारी के लिए देखें:- इटावा
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ खड्गविलास प्रेस, बांकीपुर