दारानगर
दारानगर बिजनौर ज़िला, उत्तर प्रदेश में नगर से सात मील दक्षिण की ओर गंगा नदी के तट पर स्थित है। दारानगर में ही महाभारत के विदुर का निवास स्थान माना जाता है। महाभारत के अनुसार यहीं पर श्री कृष्ण ने विदुर के घर जाकर भोजन ग्रहण किया था।
जनश्रुतियाँ
प्राचीन जनश्रुति है कि इस स्थान पर श्री कृष्ण के स्वर्गारोहण के पश्चात् द्वारका से आई हुई यादव स्त्रियाँ ठहरी थीं। एक दूसरी जनश्रुति के अनुसार महाभारत के युद्ध के पश्चात् मृत क्षत्रिय नरेशों की रानियों को इस स्थान पर विदुर जी ने शरण दी थी। इसीलिए इस स्थान का नाम 'दारानगर'[1] पड़ गया।
महामना विदुर का निवास स्थान दारानगर के सन्निकट 'विदुरकुटी' नामक स्थान कहा जाता है। प्राचीन हस्तिनापुर के खंडहर विदुरकुटी से कुछ दूर गंगा के पार ज़िला मेरठ में स्थित हैं। महाभारत, उद्योगपर्व की कथा के अनुसार श्री कृष्ण ने दुर्योधन द्वारा संधि प्रस्ताव के ठुकराये जाने पर उसका राजसी आतिथ्य अस्वीकार कर विदुर के घर आकर भोजन किया था। विदुरकुटी में आज भी बथुवे का साग उगा हुआ है, जो किंवदंती के अनुसार विदुर के यहाँ श्री कृष्ण ने खाया था। विदुर जी की पादुकाएं अब भी इस स्थान पर सुरक्षित हैं।
महाभारत उल्लेख
दुर्योधन का राजसी भोजन छोड़कर कृष्ण का विदुर के घर भोजन करने का वर्णन महाभारत में इस प्रकार है-
'एवमुक्त्वा महाबाहुर्दुर्योधनमर्षणम् निश्चक्राम तत: शुभ्राद्धातैराष्ट्र निवेशनात्। निर्याय च महाबाहुर्वासुदेवो महामना:, निवेशाय ययौवेश्म विदुरस्य महात्मन:, ततोऽनुयायिभि: साघँ मरुदिभरेव वासव:। विदुरान्नानि बुभुजे शुचीन् गुणवन्ति च'[2]
- महाभारत में कृष्ण का विदुर के घर रूखा-सूखा शाक खाने का कोई उल्लेख नहीं है। वहाँ विदुर के भोजन को 'शुचि' और 'गुणवान' बताया गया है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 431 |
- ↑ दारा = स्त्री
- ↑ महाभारत, उद्योगपर्व 91, 33-34-41.
- ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
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