रेवा नदी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
Revision as of 12:21, 24 December 2014 by दिनेश (talk | contribs)
(diff) ← Older revision | Latest revision (diff) | Newer revision → (diff)
Jump to navigation Jump to search

रेवा भारत की प्रसिद्ध नदी नर्मदा का ही एक नाम है। 'रेवा' का शाब्दिक अर्थ 'उछलने कूदने वाली' (नदी) है, जो मूलतः इसके पार्वतीय प्रदेश में बहने वाले भाग का नाम है।[1]

  • 'नर्मदा' का अर्थ 'नर्म' अथवा 'सुख प्रदायिनी' है। वास्तव में 'नर्मदा' नाम इस नदी के उस भाग का निर्देश करता है, जो मैदान में प्रवाहित है।[2]
  • नर्मदा के अन्य नाम 'सोमोद्भवा' अर्थात 'सोम पर्वत से निस्तृत' और 'मेकलकन्या' अर्थात 'मेकल पर्वत से निकलने वाली' भी हैं-

'रेवा तु नर्मदा सोमोद्भवामेकलकन्याका'।[3]

'स्थित्वा तस्मिन् वनचरवधूभुक्तकुंजे मुहूर्तम, तोयोत्सर्गाद्द्रुततरगतिस्तत्परं वर्त्मतीर्ण: रेवां द्रक्ष्यस्युपलविषमे विंध्यपादे विशीर्णाम, भक्तिच्छेदैरिव विरचितां भूतिमंगे गजस्य।

  • रामटेक को मेघ का प्रस्थानबिंदु मानते हुए मेघ के यात्रा क्रम से सूचित होता है कि उपर्युक्त छन्द में जिस स्थान पर रेवा का वर्णन है, वह वर्तमान होशंगाबाद (मध्य प्रदेश) के निकट रहा होगा।
  • अमरकोश के उपर्युक्त उद्वरण से तथा मेघदूत के उल्लेखों से ज्ञात होता है कि नर्मदा नदी और रेवा नदी दोनों नाम काफ़ी प्राचीन हैं।
  • श्रीमद्भागवत[5] में रेवा और नर्मदा दोनों का नाम एक ही स्थान पर उल्लिखित है। इसका समाधान इस तथ्य से हो जाता है कि कहीं-कहीं प्राचीन संस्कृत साहित्य में रेवा इस नदी के पूर्वी अथवा पर्वतीय भाग को और नर्मदा पश्चिमी अथवा मैदानी भाग को कहा गया है। मेघदूत के उपर्युक्त उद्धरण से भी इस बात की पुष्टि होती है।[2]
  • प्राचीन काल की प्रसिद्ध नगरी माहिष्मती रेवा के तट पर ही बसी हुई थी, जैसा कि 'रघुवंश'[6] से स्पष्ट है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 'रेव' धातु का अर्थ उछलना कूदना है।
  2. 2.0 2.1 ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 800 |
  3. अमरकोश
  4. पूर्वमेघ, 20
  5. श्रीमद्भागवत 5,19,18
  6. रघुवंश 6, 43

संबंधित लेख

वर्णमाला क्रमानुसार लेख खोज

                              अं                                                                                                       क्ष    त्र    ज्ञ             श्र   अः